जिंदा सांप के खतरनाक होने के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन पते की बात यह है कि मरा हुआ सांप भी कई बार खतरनाक हो सकता है. सांपों में मरने के कई घंटों बाद भी चेतना रहती है. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ अरकांसास के प्रोफेसर स्टीवन बीऑपर ने कहा, ‘सांपों में मरने के बाद भी उनके शरीर में मौजूद आयन सक्रिय रहते हैं, जो सांपों की नर्व कोशिकाओं में होते हैं.’
जब तुरंत मरे हुए सांप के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो नर्व कोशिका वाहिकाएं सक्रिय हो उठती हैं और उससे आयनों में गति आ जाती है. यह गतिविधि मासंपेशियों में गति उत्पन्न करती है और काटने या डंसने जैसी क्रिया को प्रेरित करती है.
बीऑपर ने कहा, ‘कोबरा और रैटलस्नेक जैसे विषैले सांपों में मरने के कई घंटो बाद तक काटने या डंसने वाली चेतना दिमाग में सक्रिय रहती है.’
पत्रिका लाइव साइंस में छपे लेख के मुताबिक बीऑपर ने कहा, ‘सामान्य तौर पर माना जाता है कि सांपों में मरने के कुछ घंटों बाद तक चेतना बाकी रहती है. यह गुण ठंडे खून वाले कई कशेरुकी जंतुओं में पाया जाता है.’