गुजरात के पाटन में एक अनोखा आयोजन हुआ. यहां के रोटलिया हनुमान मंदिर में आयोजित गायक कीर्तिदान गढ़वी (Kirtidan Gadhvi) के भजन कार्यक्रम में प्रवेश के लिए लोगों को टिकट की जगह रोटी लाने के लिए कहा गया. है न अजीब? जी हां इस कार्यक्रम का एंट्री टिकट रोटी ही थी.
रोटी का प्रसाद
अकसर लोग मंदिरों में सोना, चांदी का दान करते है और प्रसाद के रूप में पेड़ा, नारियल आदि प्राप्त करते हैं. वहीं रोटलिया हनुमान मंदिर में 'रोटी' को प्रसाद के रूप में हनुमान को चढ़ाया जाता है.
पैसों की बारिश नहीं रोटियों का अंबार
रोटलिया हनुमान मंदिर के एक वर्ष पूरा होने पर 'लोक दयारो' (भगवान के लिए भजन गाना और गुजरात में कहानी, संस्कृति वर्णन कार्यक्रम) के रूप में जाना जाने वाला एक साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां गायक कीर्तिदान गढ़वी को परफॉर्म करना था. गुजरात में इस तरह के आयोजनों के दौरान दयारो कलाकार पर पैसों की बारिश होती है लेकिन यहां जो हुआ उसे देखकर सब हैरान रह गए. क्योंकि यहां कलाकर के आगे रोटियों का अंबार लगा दिया गया.
एक रोटला या 10 रोटली लेकर ही कार्यक्रम में एंट्री
रोटलिया हनुमान मंदिर के इस खास कार्यक्रम में एक रोटला (मोटी रोटी) या 10 रोटली (रोटली पतली होती है) लाने वालों को ही कार्यक्रम में प्रवेश दिया गया. पशु अधिकार और कल्याण से जुड़े लोग बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हुए और लोक दयारो शुरू होने के कुछ ही समय में, मंच रोटियों से भर गया. उन्हें प्रसाद के रूप में मंच के पास इकट्ठा किया गया.
इसलिए रखी गई टिकट में रोटियां
सभा और आयोजन का उद्देश्य गली के कुत्तों और अन्य जानवरों के लिए भोजन इकट्ठा करना था. सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवारों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.