स्वाभिमान रैली के जरिये भाजपा कल बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का बिगुल फूंकने जा रही है लेकिन उससे पहले ही पार्टी में फूट के बीज भी अंकुरित होते नजर आ रहे हैं.
यह रैली बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार का शंखनाद बताई जा रही है लेकिन बिहार की राजनीति में अच्छा ख़ासा असर रखने वाले यशवन्त सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा इस रैली से शायद दूर रखे जा रहे हैं. राज्यसभा के टिकट से वंचित रखी जाने वाली बीते दौर की ड्रीम गर्ल हेमामालिनी भी इसमें नहीं होंगी.
शॉटगन के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने खास अंदाज में रैली के आयोजन के प्रति नाखुशी जाहिर करते हुए इसे शहर में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और रैली के आयोजन को ‘‘उंची दुकान, फीका पकवान’’ बताया है.
भाजपा के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी पर पहले भी निशाना साध चुके शॉटगन ने आज फिर उन्हें निशाने पर लेते हुए कहा कि वे ‘‘गुटों के दबाव में’’ काम कर रहे हैं.
राज्यसभा के लिए बांटे गए टिकटों की भी खुली आलोचना करते हुए इस तेजतर्रार नेता ने कहा ‘‘राम जेठमलानी को टिकट दिया जाना और हेमामालिनी जैसी समर्पित सदस्य को टिकट से वंचित रखा जाना.. दोनों ही सरासर गलत निर्णय है.’’ उन्होंने शिकायत की कि उन्हें रैली के लिए सही ढंग से निमंत्रण नहीं दिया गया है जबकि वह इस इलाके का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वह रैली में शामिल नहीं होंगे.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा ‘‘रैली के आयोजक शायद चाहते ही नहीं थे कि मैं इसमें आउं क्योंकि अगर ऐसा होता तो कम से कम मुझे इसके लिए औपचारिक निमंत्रण दिया जाता.’’{mospagebreak}
बिहार और झारखंड की राजनीति के एक अन्य असरदार नेता यशवन्त सिन्हा भी रैली में आमंत्रित नहीं हैं.
रैली में इन दोनों ‘‘सिन्हाओं’’ की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा ‘‘रैली में आने वाले तीन नामों की तो मैं गारंटी दे सकता हूं और ये नाम हैं.. लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी और नरेंद्र मोदी. लेकिन बाकी नामों के बारे में मैं पक्के तौर पर अभी कुछ नहीं कह सकता.’’ राज्यसभा का टिकट न मिलने से नाराज हेमामालिनी ने भी हाल ही में शिकायती अंदाज़ में कहा है कि भाईभतीजावाद का विरोध करने वाली पार्टी में अब खुद ये बातें नज़र आने लगी हैं.
सुशील मोदी ने दावा किया कि कल ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली स्वाभिमान रैली अब तक की सबसे बड़ी रैली होगी. उन्होंने कहा कि इसमें हम अपनी साझा सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखेंगे और उससे अपील करेंगे कि अधूरे रह गए कामों को पूरा करने के लिए पांच साल का एक और कार्यकाल जनता भाजपा. जदयू गठबंधन को दे.