सुरक्षा एजेंसियां स्मार्टफोन ब्लैकबेरी की मैसेंजर सेवा की विधिसम्मत निगरानी तीन चार माह में ही कर पाएंगी जबकि कंपनी ने अपनी मेल सेवाओं तक पहुंच के लिए कोई प्रौद्योगिकी देने से इनकार कर दिया है.
सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इंटरसेप्शन (निगरानी) पक्रिया शुरू में मानव आधारित ही रहेगी, त्वरित आधार पर इसे देखने की आटोमेटिक सूचना आधारित तकनीक पाने में तीन चार माह का समय लग जाएगा.
ब्लैकबेरी ने सरकार को आश्वस्त किया है कि वह तुरंत वास्तविक सूचनाएं देने के लिए अलग सर्वर बनाएगी और इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग प्रणाली का इस्तेमाल होगा.
सरकार ने ब्लैकबेरी को डेटा पहुंच सुविधा के लिए 31 अक्तूबर तक का समय दिया है. इस अवधि को बढाए जाने संबंधी सवाल पर सूत्रों ने कहा कि इसका फैसला तकनीकी समिति ही करेगी.
सरकार गूगल (जीमेल) तथा स्काइपी के डेटा तक विधिसम्मत पहुंच मांगने की पक्रिया में है और इस बारे में नोटिस जारी किए जा सकते हैं इस बीच ब्लैकबेरी ने सरकार को सूचित किया है कि वह ब्लैकबेरी इंटरप्राइजेज सर्विसेज (बीईएस) पर निगरानी (इंटरसेप्शन) के लिए कोई प्रौद्योगिकी उपलब्ध नहीं करा सकती है. उल्लेखनीय है कि सरकारी सुरक्षा एजेंसियां इस सेवा तक पहुंच की मांग भी कर रही है.