चीन के रहने वाले 31 साल के एक शख्स के साथ कुछ लोगों ने नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी की, इसके बाद जो काम उसके साथ किया वह किसी के अंदर भी सिहरन पैदा कर सकता है. दरअसल, इस शख्स का पिछले 6 महीने से किडनैपर खून निकाल रहे थे. इससे इस शख्स के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, वहीं उसको अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ गई.
इस शख्स की पहचान केवल उसके सरनेम 'ली' से की गई है. ऐसा दावा किया गया है कि ली के खून को निजी ग्राहकों को ऑनलाइन बेचा गया. पिछले साल जून में ली को मानव तस्करी कर कंबोडिया लाया गया था. दरअसल, उसने चीन के गुआंग्जी इलाके में नौकरी का एक विज्ञापन देखा था. ली से कहा गया था कि उसे नाइट क्लब में बाउंसर की नौकरी मिलेगी.
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पहले एक गैंग उन्हें चीन से कंबोडिया लाए थे. फिर उन्हें दूसरे गैंग को बेच दिया. फिर इस गैंग ने ली का किडनैप कर करीब 6 महीनों तक बंधक रखा. हर महीने उनका 798 ML के करीब खून निकाला जाता था. रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य तौर पर 473 से 325 ML के बीच ही किसी शख्स का खून ब्लड डोनेशन के दौरान निकाला जाता है. अमेरिकन रेड क्रॉस सोसाइटी का कहना है कि लोगों को खून लगातार नहीं देना चाहिए, लोगों को उन्हें हर 56 दिन के बाद ही ब्लड देना चाहिए. लेकिन ली का किडनैपर लगातार खून निकाल रहे थे.
गैंग से पीछा छुड़ाकर भागे कई अंग फेल
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने ही ली गैंग की गिरफ्त से भाग गए. उनके कई अंगों ने अब काम करना बंद कर दिया है. उनके हाथ पर सुइयों से हुए घाव के निशान थे. 12 फरवरी से ली अस्पताल में भर्ती है, जहां हालत स्थिर बनी हुई है.
क्या हुआ था भुक्तभोगी के साथ
बीजिंग यूथ डेली से बात करते हुए भुक्तभोगी ली ने बताया कि उसे गुंगाग्जी में एक नौकरी के के बारे में पता चला था, जिसमें नाइटक्लब में बतौर बाउंसर नौकरी करने का ऑफर था.
लेकिन उसे वहां से तस्करी कर कंबोडिया के तटीय शहर Sihanoukville लाया गया. जहां करीब 13 लाख रुपए में गैंग ने दूसरे गैंग को बेच दिया. इस दौरान इस गैंग के साथ उन्होंने बतौर टेली मार्केटिंग एक्सपर्ट कई कंपनियों में नौकरी की, जहां वह धोखाधड़ी वाली स्कीम के बारे में बताते थे. लेकिन पिछले साल सितंबर से ली का किडनैप कर खून निकालकर बेचने का सिलसिला शुरू हो गया था.