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11 करोड़ में बिकी बाइक के साइज की ये मछली, एक बाइट खाने के लिए लोग खर्च करते हैं लाखों!

क्या आप यकीन करेंगे कि एक मछली की कीमत 1.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये हो सकती है? यह सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन जापान की राजधानी टोक्यो में ऐसा ही हुआ. यह मछली थी ब्लूफिन ट्यूना, जिसका वजन 276 किलोग्राम था.

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मोटरसाइकिल जितनी बड़ी मछली की कीमत 11 करोड़!  (फोटो- एपी)
मोटरसाइकिल जितनी बड़ी मछली की कीमत 11 करोड़! (फोटो- एपी)

क्या आप यकीन करेंगे कि एक मछली की कीमत 1.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये हो सकती है? यह सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन जापान की राजधानी टोक्यो में ऐसा ही हुआ. यह मछली थी ब्लूफिन ट्यूना, जिसका वजन 276 किलोग्राम था. इसे टोक्यो के मशहूर सुशी रेस्टोरेंट ने 1.3 मिलियन डॉलर की बोली लगाकर खरीदा. इस हिसाब से इस मछली के प्रति किलो की कीमत करीब 4 लाख रुपये पड़ी.

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हर साल होती है नीलामी
टोक्यो में हर साल मछलियों की नीलामी होती है, और बीते पांच सालों से Onodera नाम का ग्रुप सबसे ऊंची बोली लगाता आ रहा है. इस बार भी इस ग्रुप ने मछली खरीदने का रिकॉर्ड कायम रखा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीलामी के बाद ग्रुप से जुड़े शिंजी नागाओ ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग इसे खाएं और उनके साल की शानदार शुरुआत हो.

ब्लूफिन ट्यूना की खासियत
ब्लूफिन ट्यूना अपनी तेज रफ्तार और लंबे जीवनकाल के लिए जानी जाती है. यह मछली करीब 40 साल तक जीवित रह सकती है और समुद्र की गहराइयों तक जाकर शिकार कर सकती है. इसके बड़े आकार और दुर्लभता के कारण यह मछली काफी महंगी होती है.लेकिन, सिर्फ इसकी शारीरिक विशेषताएं ही इसे करोड़ों की मछली नहीं बनातीं.

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करोड़ों की कीमत का कारण
ब्लूफिन ट्यूना की कीमत का सबसे बड़ा कारण है डिमांड और सप्लाई का असंतुलन. यह मछली दुनिया के बड़े और नामी रेस्टोरेंट्स में परोसी जाती है. इसकी ज्यादा डिमांड और सीमित सप्लाई इसकी कीमत को आसमान तक पहुंचा देती है.

इसके अलावा, यह मछली कहां पाई गई और इसे आपकी थाली तक लाने में कितनी मेहनत लगी, यह भी इसकी कीमत तय करने में बड़ा कारण है. जापान के Tsugaru Strait में स्थित Oma की ब्लूफिन ट्यूना सबसे महंगी मानी जाती है.

काले सोने का खिताब
ब्लूफिन ट्यूना को उसकी कीमत और दुर्लभता के कारण काला सोना कहा जाता है. यह न केवल समुद्र की गहराइयों से जुड़ी एक कहानी है, बल्कि अर्थशास्त्र का वह सिद्धांत भी है जहां सीमित आपूर्ति और अधिक मांग किसी चीज को अमूल्य बना देती है.

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