एक कर्मचारी को बॉस ने बुरी तरह परेशान कर दिया. एक दिन जब कर्मचारी ने बॉस की बात मानने से इनकार कर दिया तो उसे कुछ महीनों बाद जबरन नौकरी से निकाल दिया गया. 'बॉस Vs कर्मचारी' की इस लड़ाई में कर्मचारी की जीत हुई है. कर्मचारी को एक ट्रिब्यूनल ने 30 लाख रुपए की धनराशि देने की बात कही है. बॉस पर यह भी आरोप लगा कि वह कर्मचारी के समलैंगिक (Gay) होने की वजह से आए दिन मजाक उड़ाते थे.
इस मामले की हाल में सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने कई अहम बातें कहीं. वहीं कंपनी के आरोपों को ट्रिब्युनल ने दरकिनार कर दिया. क्रिस विलियम्स नाम के शख्स लंदन में मौजूद 'स्टॉ ब्रदर्स' प्रॉपर्टी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट में काम कर रहे थे. 'स्टॉ ब्रदर्स' कंपनी प्रॉपर्टी को खरीदने-बेचने का काम करती है. चार साल काम करने के बाद उनकी लंदन में मौजूद इस कंपनी से अनबन हो गई.
मेट्रो के मुताबिक, मई 2019 में एक शख्स बिना पेपरवर्क के प्रॉपर्टी में दाखिल हो गया. उसने प्रॉपर्टी का किराया नहीं दिया. ऐसे में 'स्टॉ ब्रदर्स' कंपनी पर दवाब बन गया कि वह प्रॉपर्टी के मकान मालिक को किराया दे.
जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तो कंपनी के डायरेक्टर एंड्रयू गॉड ने कर्मचारी क्रिस विलियम्स से पेपरवर्क से जुड़े काम करने के लिए कहा. लेकिन, क्रिस ने यह करने से इनकार कर दिया. इस बात से बॉस एंड्रयू भड़क गए और फिर क्रिस विलियम्स को दूसरे कर्मचारियों के सामने जलील करने लगे. करीब एक साल तक यह सिलसिला जारी रहा. एंड्रयू उन्हें कई लोगों के बीच नकारा कह देते थे.
विलियम्स ने यह भी दावा किया कि इस दौरान उनकी बेइज्जती तो की ही गई, वहीं उनकी सैलरी भी कोई इजाफा नहीं हुआ. हद तो यह रही कि विलियम्स को किसी भी अवॉर्ड सेरेमनी में भी नहीं बुलाया गया.
लगा दिया चोरी का आरोप
2020 के अंत में विलियम्स पर उनके बॉस ने यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने ऑफिस के कंप्यूटर से ईमेल डिलीट किए हैं. वहीं फरवरी 2021 में उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया. इसके बाद विलियम्स ने अपने बॉस के खिलाफ ट्रिब्यूनल में उत्पीड़न, भेदभाव का आरोप लगाकर केस दायर किया. विलियम्स ने यह भी कहा कि समलैंगिक (Gay) होने की वजह से उनका मजाक बनाया गया.
इसके बाद ट्रिब्यूनल पैनल ने इस मामले की सुनवाई के दौरान विलियम्स के साथ हुए व्यवहार को अनुचित माना. वहीं 30 लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला दिया.