शब्दों और भाषा को लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरह से याद रखते और सीखते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि भाषा मानसिक शब्दकोश और मानसिक व्याकरण दोनों का इस्तेमाल करती है.
मानसिक ‘शब्दकोश’ शब्दों, ध्वनि और सामान्य मुहावरों को याद रखता है वहीं मानसिक ‘व्याकरण’ वास्तविक समय में लंबे शब्दों और वाक्यों को बनाने में मददगार होता है.
ब्रिटेन के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी में बाल भाषा विकास विशेषज्ञ डॉक्टर क्रिस्टिना डे ने कहा, ‘ज्यादातर अनुसंधानकर्ता मानते हैं कि हमारे दिमाग में जिस तरह से भाषा का प्रयोग किया जाता है उसमें याद रखना और वास्तविक समय में उसका प्रयोग दोनों शामिल होता है.’ इस अनुसंधान के दौरान यह बात भी सामने आई कि मानसिक ‘शब्दकोश’ के इस्तेमाल के मामले में लड़कियां बहुत तेज होती हैं. वह शब्दों, ध्वनियों और मुहावरों का आसानी से याद कर लेती हैं. जबकि मानसिक ‘व्याकरण’ के इस्तेमाल में लड़के आगे हैं. वह शब्दों और वाक्यों को आसानी से जोड़ लेते हैं और उनका प्रयोग कर लेते हैं.