अयोध्या विवाद पर अदालती पैसले के मद्देनजर थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस (बल्क एसएमएस) और एमएमएस पर चार अक्तूबर को प्रतिबंध हटने के बाद से ही बीमा, रीयल एस्टेट, ट्रेवल और पीजिकल पिटनेस कंपनियों सहित विभिन्न वाणिज्यिक विग्यापनों की आम ग्राहकों के मोबाइल पर बाढ सी आ गयी है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि किसी घटना विशेष के मौके पर स्थिति बिगडने की आशंका के मद्देनजर ऐसे एसएमएस और संदेश पर सरकार प्रतिबंध लगाती है लेकिन यह अनिश्चितकाल तक लागू नहीं रह सकता.
उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के पैसले के आलोक में बल्क एसएमएस और एमएमएस पर प्रतिबंध लगाया गया था . पहले यह प्रतिबंध 22 सितंबर को तीन दिन के लिए लागू किया गया था लेकिन 24 अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा पैसला टालने के बाद प्रतिबंध की सीमा बढाकर पहले 29 सितंबर और पिर 30 सितंबर की गयी . इसके बाद प्रतिबंध को बढाकर चार अक्तूबर तक कर दिया गया था.
चार अक्तूबर के बाद से हर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के ग्राहकों के पास मकानों, बीमा योजनाओं, यात्रा पैकेजों, स्वास्थ्य उपकरणों और पैकेजों के अलावा तमाम वाणिज्यिक विग्यापन आने का सिलसिला शुरू हो गया है.
सूत्रों ने कहा कि प्रतिबंध हटने के बाद अचानक ही ऐसे एसएमएस और एमएमएस की बाढ सी आ गयी है लेकिन एक बार प्रतिबंध हट जाए तो ऐसे विग्यापनों का प्रसार रोका नहीं जा सकता. बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध लगने के बाद कई महत्वपूर्ण बल्क एसएमएस भी लोगों को मिलना बंद हो गये थे, जिनमें से विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पत्र सूचना कार्यालय, राजनीतिक पार्टियों के महत्वपूर्ण संदेश भी शामिल थे जो समय समय पर अपनी गतिविधियों से संबद्ध लोगों को अवगत कराने के लिए बल्क एसएमएस किया करते थे.
अयोध्या विवाद पर अदालती पैसले के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आशंका थी कि कुछ शरारती तत्व इस दौरान भडकाऊ संदेश देकर सांप्रदायिक सौहाद्र को बिगाडने की कोशिश कर सकते हैं इसलिए ऐसे एसएमएस और एमएमएस पर विशेष तौर पर प्रतिबंध लगाया गया था.
स्वयं गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सितंबर महीने की अपने मंत्रालय की प्रगति रपट पेश करते हुए इस तथ्य का उल्लेख किया था और संवाददाताओं को जानकारी दी थी कि अगले आदेश तक बल्क एसएमएस और एमएमएस पर प्रतिबंध लागू रहेगा.
गृह मंत्रालय ने इस प्रतिबंध की सीमा कई बार नियमित रूप से बढायी और स्थिति की समीक्षा करने के बाद अंतत: इसे चार अक्तूबर तक लागू किया था.