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मुस्लिमों के आरक्षण पर लगी कैबिनेट की मुहर

सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण के भीतर अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. यह कदम उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है.

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सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण के भीतर अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. यह कदम उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया जिससे सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का रास्ता साफ हो गया. अल्पसंख्यक शब्द को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) में परिभाषित किया गया है.

मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी को अधिनियम की धारा 2 (सी) के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के तौर पर अधिसूचित किया गया है.

अल्पसंख्यकों को उप आरक्षण शासनादेश के जरिए अधिसूचित किया जाएगा. इसे आज रात ही जारी किया जाएगा.

यह फैसला राष्ट्रीय धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यक आयोग की सिफारिशों पर आधारित है.

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘कथित अल्पसंख्यकों की जाति और समुदाय जो समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा समय-समय पर अधिसूचित ओबीसी की केंद्रीय सूची में होंगे वे उप आरक्षण के दायरे में आएंगे.’

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सूत्रों ने बताया कि यह फैसला सर्वसम्मति से किया गया. हालांकि, रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी (तृणमूल कांग्रेस) इस बैठक में मौजूद नहीं थे.

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