कहते हैं कि दुनिया में कोई आपकी हार को स्वीकार करे या न करे आपके माता पिता उसे स्वीकार भी करते हैं और फिर आपको आगे के लिए सही रास्ता भी दिखाते. किसी की जिंदगी में उसके मां बाप से बड़ा शुभचिंतक कोई हो ही नहीं सकता. लेकिन बच्चा हर कुछ सही और परफेक्ट करे इसके लिए उसपर जरूरत से ज्यादा दबाव बनाना किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता.
टॉप 39 यूनिवर्सिटीज में नहीं मिला बच्ची के एडमिशन
हाल में चीन के एक शख्स ने अच्छी यूनिवर्सिटी में एडमिशन हासिल न कर पाने पर अपनी 16 साल की बेटी का जो हाल किया वह कोई सोच भी नहीं सकता. वू नाम की लड़की अपने माता पिता के तलाक के बाद अपने पिता के साथ ही रहती थी. बच्ची के पिता ने साल 2022 में उसे चाइनीज कॉलेज एंट्रेस एग्जाम दिलवाया. इस परीक्षा में वह इतने अंक नहीं ला पाई कि उसे देश की टॉप 39 यूनिवर्सिटीज के ग्रुप “Project 985” में एडमिशन मिल सके. इस बात से उसके पिता को इतना ज्यादा गुस्सा आया कि उन्होंने उसे रेगुलर स्कूल जाने से रोक दिया और घर पर ट्यूटर लगवा दिया.
पढ़ाई के पीछे पिता ने पार की सनक की हद
लेकिन वू की दादी को अचानक पता चला कि बच्ची की पढ़ाई को लेकर उसका बेटा सनक की हद पार करता जा रहा है. उसने बच्ची को टॉर्चर करने के लिए उसके बाल ऊटपटांग तरीके से काट दिए हैं और उसे भूखा भी रख रहा है. इतना ही नहीं वू के पिता ने उसे कड़ी सर्दी में ठंडे पानी से नहाने तक को मजबूर किया और बाहरी दुनिया से पूरी तरह उसका नाता तोड़ दिया है. साथ ही वू के पिता ने उसे धमकी दी कि अगर वह उसकी बात नहीं मानेगी के वह आगे एडमिशन के लिए जरूरी उसके सारे डॉक्युमेंट रख लेगा.
बच्ची की दादी को लेनी पड़ी महिला आयोग की मदद
वू की दादी ने बच्ची को इस सब से बचाने की कोशिश की लेकिन कोशिश बेकार गई. ऐसे में उसे क्षेत्रीय महिला आयोग की मदद लेनी पड़ी जिसने मामले की जांच शुरू की. मामला कोर्ट में गया को वू ने अदालत से बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट भी मांगी. अदालत ने पाया कि वू के पिता ने उसके साथ घरेलू हिंसा की है, उसकी पर्सनल फ्रीडम को प्रतिबंधित किया है और उसे उसके शैक्षिक अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की है. मामले में फैसला सुनाया जाना अभी बाकी है.
कई लोग कर रहे पिता की हरकत का सपोर्ट
हालांकि, हैरानी की बात है कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ये कहते हुए वू के पिता का समर्थन किया कि 'माता पिता के प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता है. उन्होंने ठीक किया क्योंकि गैर Project 985 से पढ़ने के बाद अच्छी नौकरी पाना कठिन है.' वहीं कई लोगों ने बच्ची के समर्थन में कहा- 'अरे उसे एडमिशन नहीं मिला तो क्या उसकी जान ले लोगे. हर बच्चा एक जैसे टैलेंटेड नहीं हो सकता और हमें ये स्वीकार करना चाहिए.'