हॉलीवुड फिल्म 'टाइटेनिक' में आपने विशालकाय 'आरएमएस टाइटेनिक' जहाज की भव्यता देखी होगी और साथ ही इसे डूबते हुए भी देखा होगा. इस जहाज को डिजाइन करने वाले थॉमस एंड्रयू का दावा था कि उन्होंने जहाज को कुछ इस तरह डिजाइन किया है कि किसी भी हाल में उनका जहाज डूब नहीं सकता. पर प्रकृति के सामने शायद किसी की नहीं चलती और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराने वाला विशालकाय जहाज सिर्फ कुछ ही घंटों में समुद्र की आगोश में समा गया.
चंद्रमा के कारण समुद्र में समा गया था टाइटेनिक?
अब चीन उसी 'आरएमएस
टाइटेनिक' की रेप्लिका यानी
कि उसका प्रतिरूप बना रहा है.
ऐसा माना जा रहा है कि वह
'आरएमएस टाइटेनिक' की
तरह ही विशालकाय और भव्य
होगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ में
छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक
टाइटेनिक की तरह ही उसकी
रेप्लिका भी 882 फीट (269
मीटर) लंबी और 92 फीट (28
मीटर) चौड़ी होगी. इसके
अलावा, जिस तरह आरएमएस
टाइटेनिक जहाज, स्वीमिंग
पूल, बाथरूम, थिएटर, खूब
बड़े-बड़े कमरों आदि जैसी
सुविधाओं से लैस था, चीन
द्वारा बनाई जा रही उसकी
रेप्लिका में भी ये सारी
सुविधाएं होंगी.
जानें टाइटेनिक जहाज से जुड़े रोचक फैक्ट
इस जहाज को चीन के
सरकारी फंड की मदद से बनाया
जा रहा है. ऐसा माना जा रहा
है कि जहाज को टूरिज्म के
लिहाज से तैयार किया जा रहा
है, ताकि चीन के टूरिज्म सेक्टर के विकास को और गति दी जा सके .
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में
एक बिलियन यान (145
मिलियन डॉलर) का खर्च
आएगा. रिपोर्ट के मुताबिक
आरएमएस की प्रतिकृति साल
2018 तक समुद्र में उतरने के
लिए तैयार हो जाएगी.
होशंगाबाद: लोगों ने बनाया जुगाड़ का 'टाइटेनिक'
हालांकि चीन में बनी वस्तुओं के बारे में एक मान्यता यह भी है कि वो ज्यादा दिनों तक नहीं टिकतीं. 'चले तो चांद तक, नहीं तो शाम तक.' ऐसे में, चीन में बन रही आरएमएस टाइटेनिक की प्रतिकृति पर यदि यह बात लागू हुई तो आर्थिक और मानवीय स्तर पर बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.