पहली बार भारतीय नौसेना ने संकेत दिए हैं कि चीनी न्यूक्लियर पनडुब्बियों का बड़ा जत्था हिंद महासागर में लगातार सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे 22 चीनी ऑपरेशन अभी तक रिकॉर्ड किए जा चुके हैं.
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इन 22 ऑपरेशनों में सबसे ताजी घटना फरवरी 2013 की है. एक चीनी न्यूक्लियर पनडुब्बी को अंडमान निकोबार द्वीप के पास भी देखा गया है. हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे को भारतीय नौसेना की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट्स मिली हैं.
ये रिपोर्ट्स डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजी गई है जिसमें कहा गया कि यूएस और भारतीय सोनार को 22 अज्ञात पनडुब्बियों का संपर्क हिंद महासागर से होने का पता लगा है.
आंकलन के बाद पता चला है कि चीनी नौसेना एक मात्र ऐसी नौसेना है जो इस एरिया में ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है. इस आंकलन की अमेरिकी और भारतीय इंटेलिजेंस इनपुट्स ने पुष्टि की है.
इस तरह से चीनी न्यूक्लियर पनडुब्बियों का हिंद महासागर में सेंध लगाना भारतीय नौसेना के लिए घातक साबित हो सकता है. सूत्रों ने हमारे सहयोगी चैनल को बताया है कि इन 22 में एक चीनी पनडुब्बी को अंडमान और निकोबार द्वीप में भारतीय सरजमीं से महज 90 किमी की दूरी पर देखा गया.
6 संपर्क नॉर्थ-वेस्ट मलक्का के पास जबकि 13 दक्षिणी श्रीलंका और दो अरब सागर के पास देखे गए हैं. पहली ऐसी घटना अगस्त 2012 में हुई थी जब भारतीय और अमेरिकी नौसेना के जहाजों ने सोनार यंत्र पर चीनी पनडुब्बियों की हरकत देखी थी.
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो चीनी पनडुब्बियां भारत के पीछे से सेंध लगाने की कोशिश कर रही हैं.