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मद्रास हाईकोर्ट ने कंडोम को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को जायज ठहराया

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि कंडोम कोई दवा नहीं है, लिहाजा ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के तहत इसकी अध‍िकतम कीमत तय नहीं की जा सकती है. इस तरह, अदालत ने इस बारे में जुलाई 2015 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को उचित ठहराया है.

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कंडोम की कीमत को लेकर अदालत ने सुनाया फैसला
कंडोम की कीमत को लेकर अदालत ने सुनाया फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि कंडोम कोई दवा नहीं है, लिहाजा ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के तहत इसकी अध‍िकतम कीमत तय नहीं की जा सकती है. इस तरह, अदालत ने इस बारे में जुलाई 2015 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को उचित ठहराया है.

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दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने कंडोम का अधि‍कतम मूल्य तय करने के सरकार के आदेश को खारिज कर दिया था. सरकार ने कंडोम को DPCO में शामिल किया था. अदालत ने व्यवस्था दी थी कि इस बारे में जारी आदेश गैरकानूनी हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के नवंबर, 2013 और 10 जुलाई, 2014 के आदेशों को खारिज कर दिया था. इन आदेशों के जरिए ही कंडोम की मूल्य सीमा तय की गई थी. कोर्ट का आदेश दो फार्मा कंपनियों, रेकिट बेंकाइजर और जेके एंसेल लिमिटेड (जेकेएएल) की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया था. इसके बाद TTK प्रोटेक्ट‍िव डिवाइसेस लि. ने मद्रास हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी.

सरकार की राय अलग
हालांकि इस बारे में सरकार का कहना था कि चूंकि कंडोम बीमारियों से बचाते हैं, इसलिए ये दवाओं के तहत आते हैं. ऐसे में इनका मूल्य नियंत्रित रहना चाहिए.

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