कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की आतंकवाद पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. शिवसेना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल को आड़ेहाथ लिया तो कांग्रेस ने कहा कि इस बयान में कुछ भी गलत नहीं है.
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यहां तक कह दिया कि भारत पाकिस्तान से बेहतर है जहां हर दिन, हर सप्ताह विस्फोट होते हैं. ज्ञात हो कि भुवनेश्वर में राहुल गांधी ने कहा था कि यह बहुत ही मुश्किल है कि हर आतंकी हमले को रोक दिया जाये लेकिन साथ ही इस बात पर जोर दिया कि गुप्तचर और सतर्कता के प्रयासों के जरिये देश में 99 प्रतिशत आतंकी हमलों को टाला गया.
मायावती ने मुंबई में कल हुए बम विस्फोटों पर राहुल के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और जनता को हताश करने वाला करार दिया है. मायावती ने एक जारी बयान में मुंबई में हुई वारदात की निंदा की और राहुल का नाम लिये बगैर कहा ‘कल की घटना पर कांग्रेस के एक पदाधिकारी का वह कथित बयान गैर जिम्मेदाराना है जिसमें उन्होंने कहा है कि ऐसे हमले होते रहते हैं और उन्हें पूरी तरह रोकना मुमकिन नहीं है.’
उन्होंने कहा कि संकट के समय इस तरह की टिप्पणियों से जनता का मनोबल गिरता है. तंत्र पर लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिये इस तरह की बयानबाजी नहीं की जानी चाहिये.
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘राहुल की टिप्पणी मुंबई का अपमान है. राहुल मुंबई का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। जब वह कहते हैं कि आतंकवादी हमले होते रहेंगे तो यह दिखाता है कि वह भारत में रहने के लायक नहीं है.’
राहुल की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘यहां तक कि अमेरिका को भी 9/11 के हमलों से गुजरना पड़ा. हमारा करीब सवा अरब की आबादी वाला देश है. हमने तरक्की की है. हमने अपने खुफिया नेटवर्क को मजबूत बनाया है. कोई यह नहीं कह सकता कि हर चीज फुलप्रुफ है. हम पाकिस्तान की तुलना में बेहतर हैं जहां हर दिन हर सप्ताह विस्फोट होते हैं.’
कांग्रेस के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि एनआईए और महाराष्ट्र पुलिस यह पता लगाने में सफल होगी कि इन विस्फोटों के पीछे कौन है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को भी राहुल गांधी की टिप्पणी में कुछ गलत नजर नहीं आया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा है वह सामान्य तथ्य की बातें हैं. उधर, केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने राहुल की टिप्पणी से सहमति जताई कि हर आतंकी वारदात पर नजर रख पाना मुमकिन नहीं है.