आज तक के खास कार्यक्रम 'मंथन' में सियासतदानों के बीच कई अहम मसलों पर चर्चा जारी है. 'बैन पॉलिटिक्स' पर चर्चा के दौरान नेताओं के एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए. सवालों के जवाब में दिए गए चुनिंदा वक्तव्य आगे दिए जा रहे हैं...
संजय निरुपम:
महाराष्ट्र में सरकार चलाते हुए बीजेपी और शिवसेना के बीच मतभेद साफ तौर पर सामने आ गए. महाराष्ट्र सरकार ने 8 लाख रुपये एक डांस ग्रुप को दिया. अब सरकार 15 करोड़ रुपये 'संवाद' के नाम पर खर्च करने जा रही है. कुल मिलाकर दिशाहीनता की स्थिति है.
सुधींद्र कुलकर्णी:
देश में, खासकर महाराष्ट्र में असहिष्णुता बढ़ रही है. एक मुद्दा है बीफ बैन, दूसरा है पाकिस्तान पर बैन. शिवसेना ने लिखित रूप में दिया है कि वे किसी भी पाकिस्तानी को महाराष्ट्र आने नहीं देंगे. आखिर शिवसेना को यह किसने अधिकार दिया? महाराष्ट्र और राष्ट्र में राज किसका चल रहा है, सरकार का या शिवसेना का? यूपी में इखलाक के साथ जैसा बर्ताव हुआ, वह बर्बरता है. वहां भी किसी ने कानून हाथ में ले लिया.
भरत कुमार राउत:
मैं यहां पत्रकार के रूप में बैठा हूं, नेता के रूप में नहीं. सुधींद्र कुलकर्णी के साथ जो हुआ, वह शिवसैनिकों ने किया, शिवसेना ने नहीं. शिवसेना सोचती है कि हिंसा नहीं होनी चाहिए.
विनोद तावड़े:
कई विषयों पर शिवसेना और हमारी भूमिका अलग रही. हमने संविधान की शपथ के मुताबिक काम किया. किस दिन लोग क्या खाएं, क्या सरकार तय नहीं कर रही है. अगर हम शिवसेना के साथ होते, तो सुधींद्र कुलकर्णी का कार्यक्रम ही नहीं हुआ होता.
धनंजय मुंडे:
एक साल के अंदर जितनी गलती सरकार ने की है, हमने हर गलती पर सरकार से सदन के अंदर और बाहर सवाल पूछे. नगर पंचायत और महानगरपालिकाओं के चुनावों के जो नतीजे 2 नवंबर को आएंगे, उससे देखकर आपको विपक्ष की उपस्थिति का पता चल पाएगा.