एक पेशेवर परीक्षा में बैठने के लिए अपनी गाय के लिए परीक्षा केंद्र का टिकट हासिल करने वाला बडगाम निवासी सेंटर पर अपनी गाय को परीक्षा दिलाने के लिए नहीं लाया. उसने कहा कि वह केवल व्यवस्था में मौजूद खामी को सामने लाना चाहता था.
इस मामले के चलते काफी लोकप्रिय हो चुकी गाय के मालिक अब्दुल राशिद भट्ट ने बताया, 'मैं प्रशासन को केवल व्यवस्था में मौजूद खामी के बारे में संदेश देना चाहता था. मैंने कभी व्यवस्था का मजाक उड़ाने की नहीं सोची.'
मीडियाकर्मी श्रीनगर के बेमिना में सरकारी डिग्री कालेज में जमा हुए थे, जहां सुबह दस बजे से परीक्षा शुरू होने वाली थी. लेकिन जब भट्ट और उनकी गाय परीक्षा देने नहीं पहुंचे तो वे निराश होकर लौट गए.
जम्मू कश्मीर पेशेवर परीक्षा बोर्ड की खामियों को उजागर करने के प्रयास में भट्ट ने ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के जरिए अपनी गाय का परीक्षा टिकट हासिल कर लिया था. उसने पॉलिटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा में दाखिले के लिए आवेदन किया था.
बोर्ड ने काचीर गाय (भूरे रंग की गाय) के नाम से प्रवेश कार्ड जारी किया. आवेदन पत्र में गाय के पिता के नाम की जगह पर गौरा दंड (लाल बैल) का नाम लिखा हुआ था.
पिछले सप्ताह प्रवेश परीक्षा केंद्र का टिकट हासिल करने के बाद भट्ट ने कहा था कि गाय को परीक्षा देने के लिए लाना उसका कानूनी अधिकार है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे व्यवस्था में बदलाव की शुरुआत होगी और प्रशासन सभी उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगा.
- इनपुट भाषा