लोकसभा में भाजपा सांसदों के एक वर्ग के विरोध और विधेयक के खिलाफ मतदान करने की धमकी के बाद महिला आरक्षण विधेयक को लेकर समस्या गंभीर होती नजर आ रही है. भाजपा ने हालांकि आज तय किया कि वह राज्यसभा की ही तरह लोकसभा के सांसदों के लिए व्हिप जारी करेगी.
बगावत की आशंका के बीच लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली और पूर्व पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह सहित शीर्ष पार्टी नेताओं ने आज सुबह असंतुष्ट सांसदों से मुलाकात कर विधेयक को लेकर उनकी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया. यह विधेयक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करता है.
सुषमा ने सांसदों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘ विधेयक के लोकसभा में आने पर हम पार्टी सांसदों को व्हिप जारी करेंगे. ’’ व्हिप का उल्लंघन करने वाले सांसद को अयोग्य ठहराया जा सकता है. राज्यसभा में भाजपा सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया था.
विधेयक का विरोध करने वालों में गोरखपुर से पार्टी सांसद योगी आदित्यनाथ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव और पार्टी के लोकसभा में मुख्य सचेतक रमेश बैस शामिल हैं.
कुछ पार्टी सांसदों ने तो यहां तक कह डाला कि यदि निचले सदन में विधेयक आया तो वे उसके खिलाफ मतदान करेंगे. लोकसभा में भाजपा के 116 सांसद हैं और इस संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए भाजपा का समर्थन महत्वपूर्ण होगा.
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बैस ने कल कहा था कि विधेयक के मौजूदा स्वरूप को लेकर पार्टी के कई सांसदों को दिक्कते हैं और वे अपनी बात वरिष्ठ नेताओं के सामने रखेंगे. बैस ने हालांकि आज कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पार्टी के कुछ वगो’ के बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन जब भाजपा कोई रूख अपनाएगी तो हर किसी को उसका पालन करना होगा.
उन्होंने कहा कि किसी लोकतांत्रिक पार्टी में सदस्यों का किसी मुद्दे पर अलग अलग नजरिया हो सकता है और उन पर चर्चा हो सकती है. लेकिन विधेयक के बारे में पार्टी ने एक नजरिया कायम किया है और हर किसी को उसका पालन करना चाहिए.
लोकसभा में भी राज्यसभा की तरह व्हिप जारी करने के बारे में जोशी ने हालांकि कहा कि व्हिप जारी किया जाए या नहीं, लोकतंत्र में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.
विधेयक के मौजूदा स्वरूप में विरोधी माने जाने वाले हुकुमदेव नारायण यादव ने आज कहा, ‘‘ राज्यसभा में मैं विधेयक के समर्थन को लेकर भाजपा के साथ था और लोकसभा में भी विधेयक के आने पर पार्टी के साथ रहूंगा. ’’ उनहोंने कहा, ‘‘ मुझे विधेयक के बारे में जो भी कहना है, मैं पार्टी के मंच पर कहूंगा. ’’ विधेयक के खिलाफ पूर्व के रूख पर सवाल किये जाने पर यादव ने कहा, ‘‘ प्रेस ने शायद सोचा होगा कि चूंकि लालू और मुलायम जैसे यादव लोग विधेयक के खिलाफ हैं इसलिए मैं भी खिलाफ हूं. चूंकि मैं भी उनकी तरह समाजवादी हूं शायद इसलिए. लेकिन यदि मैं उनसे सहमत होता तो मैं उनकी पार्टी में होता. भाजपा में शामिल न होता. ’’