ब्रेन स्ट्रोक के बाद एक बुजुर्ग महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं डेथ सर्टिफिकेट भी इश्यू कर दिया गया. लेकिन बाद में वही महिला ताबूत से जिंदा निकली. अब अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. फिलहाल, जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. मामला इक्वाडोर के बाबाहोयो शहर का है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शुक्रवार को 76 साल की बेला मोंटाया को मार्टिन इकाज़ा के एक सरकारी अस्पताल में लाया गया था. कुछ देर इलाज के बाद डॉक्टरों ने मोंटाया को डेड करार दिया. जब परिजनों को इसकी सूचना मिली तो वे ताबूत की व्यवस्था करने में जुट गए ताकि बॉडी को घर ले जा सकें.
लेकिन जब तक बॉडी घर पहुंचती, पता चला कि मोंटाया जिंदा हैं. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें मोंटाया को ताबूत के अंदर सांस लेते हुए दिखाया गया है. बगल में मौजूद दो लोग उन्हें उठाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. इसके बाद मोंटाया को फिर से उसी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया था.
¡NUEVO MIEDO DESBLOQUEADO!#Internacional | MUJER REVIVE DURANTE SU VELORIO 😱🇪🇨
— EL INFORMANTE 🇲🇽 (@ElInformanteMX) June 11, 2023
En #Ecuador, Bella Montoya, una mujer de 76 años de edad, regresó a la vida durante su funeral, tras ser declarada muert4 en el hospital Martín Icaza en la ciudad de #Babahoyo. pic.twitter.com/nwMqGUnvNj
मोंटाया के बेटे गिल्बर्ट बलबर्न ने रविवार को कहा- वह ताबूत में सांस ले रही थीं. एक हाथ भी चला रही थीं. कुल मिलाकर मेरी मां मरी नहीं थीं, बल्कि जिंदा थीं. फिर भी हमें डेथ सर्टिफिकेट पकड़ा दिया गया. गिल्बर्ट ने यह भी बताया कि वो बेहद गरीब परिवार से है. ताबूत के लिए लोगों से पैसे मांगने पड़े.
इस मसले पर इक्वाडोर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी किया. इसमें कहा गया कि मोंटोया को स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोई प्रतिक्रिया नहीं देने पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसकी मौत की पुष्टि की थी. लेकिन बाद में पता लगा कि महिला की सांसें चल रही थी. फिलहाल, घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
बताया गया कि मोंटोया अभी ऑक्सीजन पर हैं. स्थानीय प्रशासन की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. उनकी हालत स्थिर है. उनके लगभग सभी अंग रिस्पांड कर रहे हैं. पूरी तरह से ठीक होने में वक्त लग सकता है. क्योंकि उम्र भी एक फैक्टर है.