सांसदों के लिए ये वक्त छुट्टियों का था, लेकिन फिलहाल सख्त निर्देश हैं कि वे संसद में मौजूद रहें. इधर सड़क पर अनशन होगा उधर संसद में छिड़ेगी बहस. लोकपाल पर दिन भर होने वाली चर्चा में हर पार्टी का रुख सामने आ जाएगा. कौन अन्ना के साथ है और कौन सरकार के साथ.
एक तरफ अन्ना अनशन पर होंगे तो दूसरी तरफ संसद में लोकपाल पर बहस होगी. ये दिन वाकई ऐतिहासिक है. क्योंकि किसी आंदोलन के दबाव में आकर संसद के सत्र को बढ़ाया गया है. ऐसा अरसे बाद हो रहा है कि क्रिसमस की छुट्टी के बाद संसद फिर से बैठ रही है..
लोकसभा में ठीक 11 बजे लोकपाल बिल पर बहस शुरू हो जाएगी और इस बिल पर बहस के लिए 8 घंटे निर्धारित हैं. संसद का सत्र तीन दिन बढ़ाया गया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने व्हिप जारी करते हुए अपने सांसदों को बहस के दौरान मौजूद रहने को कहा है.
लोकपाल बिल पर दिनभर बहस चलेगी और इसके लिए सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को सबसे ज्यादा वक्त मिलेगा.
पार्टी की तरफ से सदन के नेता प्रणब मुखर्जी के अलावा सलमान खुर्शीद, संदीप दीक्षित, शशि थरूर और संजय निरुपम इस चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं. बीजेपी के वक्ताओं में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज के अलावा अनंत कुमार और कीर्ति आजाद का नाम है. जबकि जेडीयू की तरफ से शरद यादव, सीपीआई से गुरुदास दासगुप्ता, सीपीएम की ओर से वासुदेब आचार्य, आरजेडी से लालू प्रसाद, समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव, शिवसेना से अनंत गीते, एआईएडीएमके से थम्बी दुरई और बीएसपी से सांसद दारा सिंह इस चर्चा में शरीक होंगे.
लोकपाल बिल को लेकर आम सहमति के लिए एक सर्वदलीय बैठक पहले ही हो चुकी है. ऐसे में बीजेपी का कहना है कि सरकार दरअसल मुद्दे को उलझाना चाहती है.
दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि उसने बिल को पेश करने का काम कर दिया है, बाकी काम संसद को करना है.