पड़ोसी राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले वाहन मालिकों को निकट भविष्य में उपकर (सेस) देना पड़ सकता है. दिल्ली सरकार शहर में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बाहरी वाहनों के प्रवेश पर उपकर लगाने पर विचार कर रही है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि सरकार ऐसे वाहनों पर अधिभार लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस संबंध में जल्द ही निर्णय किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हां, हम इस तरह का विचार कर रहे हैं. हम देख रहे हैं कि क्या गुड़गांव एवं नोएडा सहित अन्य समीप के शहरों से आने वाले वाहनों पर एक तरह का टोल टैक्स लगाया जा सकता है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को प्रस्ताव लागू होने के ‘लाभ-हानि’ का अध्ययन करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में प्रवेश के 37 बिंदु हैं और शुरुआत में केवल कुछ चुनिंदा बिंदुओं पर वाहनों के प्रवेश पर टोल टैक्स लगाया जा सकता है. शीला दीक्षित ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार प्रस्ताव लागू करने का निर्णय करती है तो इस उद्देश्य के लिए एक आधुनिक प्रणाली विकसित की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘एक आधुनिक प्रणाली लगानी होगी. ऐसा नहीं हो सकता है कि एक पुलिसवाला या एमसीडी का व्यक्ति आपको रोककर टैक्स वसूले.’’ उल्लेखनीय है कि ‘हरित वाहनों’ को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली सरकार 12.5 फीसद वैट की छूट देती है और साथ ही रजिस्ट्रेशन शुल्क रिफंड की भी व्यवस्था है. इसके अलावा, सरकार ने डीजल की बिक्री पर प्रति लीटर 25 पैसा अधिभार लगा रखा है और इससे जमा धन का इस्तेमाल हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.