दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने फुटपाथ पर हो रहे अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं. इस वजह से फुटपाथ और सड़क के किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचनेवालों पर प्रशासन की तलवार लटक रही है.
रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचनेवालों की रोजी-रोटी सुनिश्चित करने का काम निगमों और दिल्ली सरकार का है. लेकिन कोई गाइडलांइस न होने की वजह से दिल्ली के फुटपाथ कब्जे के शिकार हैं.
बुधवार को दिल्ली के सैकड़ों स्ट्रीट वेंडर्स ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान 50 से ज्यादा संगठनों के लोग मौजूद रहे. इनकी मांग है कि जल्द से जल्द रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बिल लाया जाए. एमसीडी से नया कानून बनने तक तोड़-फोड़ न करने की अपील की गई है.
दूसरी ओर, एमसीडी उपराज्यपाल के लेटर को लेकर सख्त है. एमसीडी का कहना है कि यह अभियान जारी रहेगा और फुटपाथ को खाली कराया जाएगा.
अब मुसीबत दोहरी है. एक तरफ हजारों लोगों की रोजी-रोटी का सवाल है, तो दूसरी तरफ नागरिकों की सुविधाओं का. फिलहाल नगर निगम ने दिल्ली सरकार के पाले में गेंद डाल दी है.