कई बार हम जो देखते हैं, उसी को सच मान लेते हैं, लेकिन जब असली कहानी सामने आती है, तो हमारी सोच बदल जाती है. उसके बाद अहसास होता है कि हर इंसान की जिंदगी की अपनी जद्दोजहद होती है, जिसे जाने बिना उसे जज करना सही नहीं.
दिल्ली के सोशल एक्टिविस्ट किरण वर्मा के साथ कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ. हाल ही में LinkedIn पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर की, जो अब वायरल हो रही है. इस पोस्ट में उन्होंने नोएडा में एक Zomato डिलीवरी एजेंट से हुई मुलाकात का जिक्र किया, जिसने उनके सोचने का नजरिया ही बदल दिया.
बाइक पर खाना खाते दिखा डिलीवरी एजेंट
किरण वर्मा जब नोएडा में अपनी कार पार्क कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक डिलीवरी बॉय अपनी बाइक पर बैठकर खाना खा रहा था. पहले तो उन्हें लगा कि शायद वो किसी ग्राहक का खाना खा रहा है, लेकिन जब उन्होंने बात की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.
ऑर्डर डिलीवर नहीं हुआ, खाने का मालिक बन गया डिलीवरी बॉय
डिलीवरी एजेंट, जिसे वर्मा ने विशाल (बदला हुआ नाम) कहा, ने बताया कि उसने दोपहर 2 बजे एक ऑर्डर उठाया था, लेकिन जब वह ग्राहक के पते पर पहुंचा, तो वहां कोई भी मौजूद नहीं था. कंपनी की ओर से उसे ऑर्डर को 'Delivered' मार्क करने को कहा गया, ताकि दोबारा डिलीवरी की कोशिश न करनी पड़े और कंपनी के ऑपरेशनल खर्चे कम हो सकें.
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विशाल ने कहा कि इस नियम की वजह से कई बार डिलीवरी बॉयज के पास बचा हुआ खाना आ जाता है, जिससे उन्हें खाने के लिए कुछ मिल जाता है और फूड वेस्टेज भी कम होती है.
20-25 हजार की कमाई, परिवार की पूरी जिम्मेदारी
विशाल ने बताया कि उसे हर ऑर्डर पर सिर्फ 10-25 रुपये ही मिलते हैं और किसी तरह महीने में 20,000-25,000 रुपये कमा पाता है. उसके पिता पूर्वी यूपी के एक छोटे किसान हैं और उसके दो छोटे भाई-बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं. वह खुद ग्रेजुएट है लेकिन अच्छी नौकरी न मिलने के कारण Zomato डिलीवरी बॉय बन गया. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है, इसलिए उसके लिए ऐसा बचा हुआ खाना किसी बचत या लाइफलाइन से कम नहीं है.
किरण वर्मा ने जब विशाल को आर्थिक मदद की पेशकश की, तो उसने बेहद आत्मसम्मान भरा जवाब दिया—सर, मैं ज्यादा मेहनत कर सकता हूं, लेकिन भीख नहीं मांग सकता.
इस जवाब ने वर्मा को अंदर तक झकझोर दिया. उन्होंने विशाल के जज़्बे की सराहना करते हुए उसे गुजिया ऑर्डर की और अगर समय मिले तो उनके परिवार के साथ होली मनाने का न्योता भी दिया.
'डिलीवरी बॉयज को जज मत करिए'
इस घटना से सीख लेते हुए वर्मा ने सभी से अपील की कि अगर कभी कोई डिलीवरी बॉय इस तरह खाते दिखे, तो उसे गलत समझने से पहले उसकी कहानी जरूर सुनें.
Zomato CEO को कहा 'थैंक यू'
अपनी पोस्ट के आखिर में किरण वर्मा ने Zomato CEO दीपिंदर गोयल को भी धन्यवाद देते हुए लिखा-आपने लाखों गिग वर्कर्स को उम्मीद दी है. जब हम अपने परिवारों के साथ त्योहार मना रहे होते हैं, तब ये लोग हमें खुशियां देने के लिए सड़कों पर मेहनत कर रहे होते हैं.