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दिल्ली का यह फैशन डिजाइनर जोड़ा देता है भटके जानवरों को आसरा...

दिल्ली के एक फैशन डिजाइनर कपल का घर और दफ्तर आज गुमराह और चारों तरफ से छोड़ दिए गए जानवरों का आसरा है. जानें कौन हैं ये...

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Delhi Designer Couple
Delhi Designer Couple

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चाहे दुनिया आज कितनी ही मौकापरस्त और मतलबी लगने लगी हो लेकिन इस सभी के बीच कुछ ऐसे लोग आज भी बचे हुए हैं जो पूरी दुनिया के सामने एक नजीर हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि हम मौकापरस्ती, मतलबी और नजीर की बातें एक साथ ही करने लगे.

दरअसल, आज हम जिन लोगों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं वे दुनिया के मशहूर डिजाइनर हैं. नीरज और अल्पना मित्तल नामक दोनों डिजाइनर पति-पत्नी हैं और दिल्ली में रहते हैं. वे Alpana & Neeraj नाम से अपना डिजाइनर ब्रांड चलाते हैं और लेडी गागा और निकोल शेर्जिंगर जैसी मशहूर हस्तियां उनके कपड़े पहनती हैं. इसके अलावा वे Step Up All In, America's Next Top Model और The Voice जैसे हॉलीवुड फिल्मों के कास्ट के लिए भी कपड़े डिजाइन कर चुके हैं.

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यह मशहूर व सफल डिजाइनर जोड़ा गुमराह जानवरों को अपने घर में आसरा देता है. वे अब तक कुल 15 जानवरों, कुत्ते व बिल्ली को अपने घर का सदस्य की तरह ट्रीट करते हैं.

इसकी शुरुआत अल्पना के सपनों से हुई...
अल्पना वैसे तो अपनी जिंदगी से काफी खुश थीं लेकिन फिर भी एक स्तर पर आकर वो अकेलापन महसूस करने लगी थीं. इसी क्रम में वो बुद्धिस्ट रीट्रीट गईं और वहां उन्हें इस बात का ध्यान आया कि वे हमेशा से ही जानवरों को पालना चाहती थीं. उन्होंने वहीं फैसला लिया कि वह एक डॉगी खरीदेंगी, हालांकि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे गुमराह और सड़क पर रहने वाले जानवरों को अपने घर पर ले आएंगी.

उनके पति भी रहे बराबर के साझेदार...
ऐसा अक्सर हो जाता है कि किसी घर में किसी शख्स को कुछ पसंद होता है तो वहीं किसी को कुछ और. इसी चक्कर में लोग अपने शौक को तिलांजलि दे देते हैं, लेकिन नीरज को जानवरों से खास सहानुभूति नहीं थी, इतना ही नहीं वे कुत्तों से डरा भी करते थे. वे फिर भी अल्पना की इस सोच में सहयोगी बने रहे. आज वे कुल 15 कुत्ते-बिल्लियों के साथ रहते हैं. उनके दफ्तर का पूरा एक फ्लोर और अपना कमरा तक वे इन जानवरों के हवाले कर चुके हैं.

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अक्सर जानवर उन्हें बड़ी खराब स्थिति में मिलते हैं...
ऐसा उनके साथ कई बार होता है कि जानवर उन्हें बड़ी बुरी स्थितियों में मिलते हैं. कई बार किन्हीं दूसरे जानवरों द्वारा किए गए हमले और आपसी लड़ाई में घायल ये जानवर मौत के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके होते हैं. उनके शरीर पर हो जाने वाले घाव और इन्फेक्शन उन्हें ऐसा बना चुके होते हैं कि कोई उनके नजदीक तक नहीं जाना चाहता. उनसे बुरी दुर्गंध आ रही होती है. उनके शरीर के बाहर-भीतर कीड़े बजबजा रहे होते हैं और वे उनकी जान बचाने के साथ-साथ उन्हें अपने यहां पालने का निर्णय ले लेते हैं.

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