बढ़ते प्रदूषण और हानिकारक पर्यावरण के अलावा उमस भरी गर्मी के बावजूद 32 प्रतिशत मुंबईवासी रोजाना स्नान नहीं करते. एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (एनआईएमए) के मुताबिक, रोजना स्नान नहीं करने से लोगों में संक्रमण और बीमारी का खतरा बढ़ता है, लेकिन मुंबई के लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते. एनआईएमए ने 600 लोगों पर सर्वे किया.
सर्वेक्षण से पता चला कि रोजाना स्नान नहीं करने के अलावा बड़ी संख्या में लोग एंटी बैक्ट्रियल साबुन की जगह 'टॉयलेट सोप' का प्रयोग करते हैं. 'स्नान की परिपाटी, मान्यता एवं व्यवहार' शीर्षक वाले सर्वे में कहा गया है, 'वे धूल के हटने के प्रति ज्यादा जागरूक और डायरिया एवं फ्लू जैसी बीमारी से बचने के लिए ताजगी के प्रति ज्यादा सचेत दिखते हैं. केवल 11 प्रतिशत लोग ही एंटी बैक्ट्रियल साबुन का इस्तेमाल करते हैं.'
एनआईएमए मुंबई के अध्यक्ष एल. जी. जाधव ने बताया कि महज छह प्रतिशत मुंबईवाले ही एंटी बैक्ट्रियल साबुन से नहाते हैं जबकि 91 प्रतिशत सौंदर्य साबुन का प्रयोग करते हैं.