आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स ने मुथया मुरलीधरन की उंगलियों के जादू तथा सलामी बल्लेबाजों की शतकीय साझेदारी से रविवार को फाइनल में वारियर्स को एक ओवर शेष रहते हुए आठ विकेट से शिकस्त देकर चैंपियन्स लीग ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट का खिताब भी अपने नाम किया.
ऑफ स्पिनर मुथया मुरलीधरन ने चार ओवर में 16 रन देकर तीन और रविचंद्रन अश्विन ने 16 रन के एवज में दो विकेट लेकर वारियर्स को सात विकेट पर 128 रन ही बनाने दिये. दक्षिण अफ्रीकी टीम की तरफ से कप्तान डेवी जैकब्स ने सर्वाधिक 34 रन बनाये.
मुरली विजय (58) और माइकल हसी (नाबाद 51) ने पहले विकेट के लिये 103 रन की साझेदारी करके वारियर्स की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. चेन्नई सुपरकिंग्स ने 19 ओवर में दो विकेट पर 132 रन बनाकर चैंपियन्स लीग का बादशाह बना. यह पहला अवसर है जबकि इंडियन प्रीमियर लीग की कोई टीम इस टूर्नामेंट में खिताब जीतने में सफल रही.
हसी और विजय ने शुरू से ही सकारात्मक क्रिकेट खेली और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखायी. इन दोनों ने अच्छी गेंदों को पूरा सम्मान दिया तो बीच-बीच में ढीली गेंद को सीमा रेखा पार भी भेजा. विजय जब 34 रन पर थे तब जोहान बोथा की गेंद पर अनुभवी मार्क बाउचर ने उन्हें स्टंप आउट करने का मौका गंवाया.{mospagebreak}
सेमीफाइनल के नायक सुरेश रैना (2) अधिक देर नहीं टिक पाये. इस बीच कुछ देर तक समान गेंद पर समान रन का सिलसिला चलता रहा. हसी ने 45 गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा किया जिसमें तीन चौके शामिल हैं.
जब चेन्नई को जीत के लिये 12 गेंद पर 13 रन की दरकार थी तब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 17) ने रस्टी थेरोन की लगातार गेंद पर छक्का और चौका और फिर आखिरी गेंद पर भी विजयी चौका जमाया. चेन्नई की वारियर्स पर यह लगातार दूसरी जीत है. उसने लीग चरण में उसे दस रन से हराया था.
इससे पहले जैकब्स ने वारियर्स को अच्छी शुरुआत दिलाने की कोशिश की. उन्होंने डग बोलिंजर के पहले और दूसरे ओवर में लगातार दो-दो चौके जमाये और फिर हमवतन एल्बी मोर्कल के खिलाफ भी यही रवैया अपनाया. एशवेल प्रिंस (6) हालांकि फिर से असफल रहे और बोलिंजर के तीसरे ओवर की पहली गेंद, जो फुलटास थी, पर चूक कर बोल्ड हो गये.{mospagebreak}
वारियर्स की टीम जैकब्स पर कितना निर्भर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके आउट होने के बाद उसकी पारी एकदम से लड़खड़ा गयी. स्पिनरों के सामने उसके बल्लेबाजों को रन बनाने में दिक्कत हुई और अगली 25 गेंद तक कोई बाउंड्री नहीं गयी. कोलिन इंग्राम (23 गेंद पर 16) ने मुरलीधरन पर चौका जड़कर गेंद को सीमा रेखा के दर्शन तो करवाये लेकिन मोर्कल के अगले ओवर में वह पवेलियन लौट गये.
मुरलीधरन ने इसके बाद 14वें ओवर में बाउचर (5) और आलराउंडर जस्टिन क्रुएस्च (17) को आउट करके दक्षिण अफ्रीकी टीम को गहरे संकट में डाल दिया. इस दौरान बीच में 34 गेंद तक कोई बाउंड्री नहीं पड़ी और तब क्रेग थिसेन (25) ने 17वें ओवर में लक्ष्मीपति बालाजी पर लगातार दो चौके और छक्का जड़कर स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया.