डीजल की गाड़ियां चलाने वालों के लिए खुशखबरी. सात सालों में पहली बार डीजल के दाम घटने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी समय के बाद 100 डॉलर से नीचे चली गई हैं. यह खबर 'इकोनॉमिक टाइम्स' ने दी है. अखबार के मुताबिक इससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत मिलेगी.
डीजल के दामों में सब्सिडी को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उसके दाम 'मार्केट प्राइस' के बराबर हो गए हैं. उधर तेल के दाम घटते जा रहे हैं. दूसरी तरफ रुपया भी डॉलर की तुलना में मजबूत होता जा रहा है. तेल कंपनियां इस कारण से डीजल के दाम घटाने के बारे में विचार कर रही हैं.
एक तेल कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि 15 सितंबर को कंपनियों की समीक्षा बैठक होने वाली है. इसमें ही यह फैसला लिया जाएगा. डीजल की कीमतों के बारे में अंतिम फैसला सरकार लेगी क्योंकि उसे अभी पूरी तरह अलग नहीं किया गया है. पेट्रोल की तरह उसे बाजार की शक्तियों के हवाले नहीं किया गया है.
उधर, सरकार डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. इसके बाद उसके दाम कच्चे तेल की कीमतों के साथ जुड़ जाएंगे. इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 99 डॉलर के आसपास है. यह गिरावट काफी समय के बाद आई है. चीन जैसे बड़े देशों की मांग में गिरावट के कारण ही यह संभव हुआ है. उधर, रुपया डॉलर की तुलना में मजबूत हुआ है.