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'धुआं पराली का था गालिब पटाखे बैन करता रहा...', दिवाली में प्रदूषण पर दो धड़ों में बंटा सोशल मीडिया

दिवाली का त्योहार नजदीक है और दिल्ली एनसीआर में पटाखा बैन के सरकार के फैसले पर चर्चा छिड़ गई है. सोशल मीडिया पर लोग इसको लेकर दो धड़ों में बंट गए हैं और जमकर ट्वीट कर रहे हैं.

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Air Pollution Due To Firecrackers On Diwali (File Photo)
Air Pollution Due To Firecrackers On Diwali (File Photo)

दिवाली आने में अब एक दिन और है. देशभर में इस त्योहार को काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. रौशनी की इस पर्व पर लोग जश्न के लिए पटाखों को जलाते हैं और आसमान में आतिशबाजी करते हैं. लेकिन कुछ सालों से दिल्ली एनसीआर, मुंबई जैसे कई इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों को जलाने पर बैन लगा दिया गया है. इसकी वजह ये दी जा रही हैं कि दिल्ली एनसीआर, गाजियाबाद, नोएडा आदि कई इलाकों में बीते कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है.  

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हालांकि इसके बावजूद कुछ लोग इससे बाज नहीं आ रहे और त्योहार के पहले से ही पटाखों की आवाजें गूंज रही हैं.  इधर, पटाखों का विरोध करने वाले आम लोगों की भी कमी नहीं है.

इसको लेकर सोशल मीडिया पर यही लोग दो धड़ों में बंट गए हैं. एक पक्ष हर हाल में पहले से ज्यादा पटाखे जलाने के फेवर में है तो दूसरा पक्ष प्रदूषण का हवाला देकर पटाखे न जलाने की अपील कर रहा हैं. कई लोग कह रहे हैं कि इससे जानवर डर और सहम जाते हैं उनपर दया करो. से नो टू क्रैकर्स

 

एक यूजर ने कहा- प्रदूषण दिवाली के पहले से है. ऐसे में पटाखे बैन करके त्योहार को खराब करने का कोई मतलब नहीं है. एक यूजर ने कुत्ते के साथ दिवाली मनाती महिला का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- कुत्ता तो ये भी है,ये क्यू नहीं डर रहा पटाखों से ,आपने कुत्तो को मजबूत कीजिए,कब तक उसे एक कमरे मे बंद रखेंगे ,और दिवाली पर पटाखे न जलाने का ज्ञान देंगे. एक ने 6 नवंबर को पोस्ट लिखा- दिवाली दूर है लेकिन फिर भी बहुत अधिक प्रदूषण है. हमेशा दिवाली पर ठीकड़ा क्यों फोड़ा जाता है?

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एक ने लिखा-  पहले प्रदूषण झेला जाता है. दिवाली तक इसके लिए कोई कोशिश नहीं की जाती और फिर दिवाली के बाद सारा आरोप दिवाली पर लगा दिया जाएगा.  एक यूजर ने शायराना अंदाज में लिखा- उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा, धुआं पराली से था और पटाखे बंद करता रहा.

कुल मिलाकर पक्ष और विपक्ष दोनों के ही ढेरों ट्वीट देखने को मिल रहे हैं. हालांकि, इस साल कितने पटाखे जलते हैं, पटाखों, उससे निकलने वाले धुएं के क्या प्रभाव होता है , ये तो दिवाली के बाद ही पता लगेगा लेकिन फिलहाल जंग सोशल मीडिया तक है.


 

 

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