ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया में अपने लचर प्रदर्शन से निराश जरूर है लेकिन शर्मिंदा नहीं है. भारतीय टीम विदेशी सरजमीं पर लगातार दूसरी टेस्ट श्रृंखला में वाइटवाश शिकस्त की ओर बढ़ रही है. भारत ने चौथे दिन का खेल खत्म होने पर एडिलेड में छह विकेट पर 166 रन बनाये.
अश्विन ने कहा कि शर्मिंदगी सही शब्द नहीं है. यह अच्छा होगा अगर आप इसे अलग ढंग से व्यक्त करें. किसी ने भी किसी को मूर्ख नहीं बनाया या धोखा नहीं दिया. हम काफी निराश हैं और शायद मैं इसी शब्द का इस्तेमाल कर सकता हूं.
उन्होंने कहा कि यह खेल है, हमने चुनौतीपूर्ण खेल दिखाया, ऐसा नहीं है कि हमने लापरवाही बरती. हां हम कुछ मौकों पर कमतर रह गये लेकिन ऐसे भी क्षण थे जहां हम पकड़ बना सकते थे और फिर यह सबकुछ अलग होता. अश्विन ने कहा कि हमने मौकों को नहीं भुनाया.
स्टंप से कुछ देर पहले भारत की बल्लेबाजी इतनी खराब थी कि ऑस्ट्रलिया ने बल्ले के करीब नौ क्षेत्ररक्षकों को खड़ा किया और तब आफ स्पिनर नाथन ल्योन गेंदबाजी कर रहे थे. अश्विन ने कहा कि हम स्पिनर के खिलाफ चुनौती पेश कर सकते थे, भले ही नौ क्षेत्ररक्षक लगे हुए थे. जब चीजें सही होती हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं. हां हम हालात के दबाव में आ गये और हमारे पास इसका जवाब भी नहीं है.
वह इस बात के बारे में भी नहीं सोच रहे हैं कि टीम के इस प्रदर्शन से उन्हें भारत में क्रिकेट प्रशंसकों की आलोचना भी झेलनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि हमारे दिमाग में यह नहीं चल रहा था. अगर हम यह सोचते रहे कि क्या होगा तो जीवन में यह चीज कारगर नहीं होती. हमने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन यह हमारे मुताबिक नहीं रहा.
मौजूदा श्रृंखला में शानदार जीत के बावजूद अश्विन ऑस्ट्रेलिया को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम मानने के लिये तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमने पिछले एक साल में देखा है कि टीमें अपने घरेलू मैदान पर और मजबूत होती जा रही हैं. टीम को सभी स्थानों पर सचमुच अच्छा प्रदर्शन करना होता है.
भारतीय बल्लेबाजी की इस लचर प्रदर्शन के कारण चारों ओर कड़ी आलोचना हो रही है लेकिन अश्विन सिर्फ बल्लेबाजों को ही नहीं बल्कि प्रत्येक खिलाड़ी को दोषी ठहराना चाहते हैं. अश्विन ने कहा कि यह टीम गेम है और इसे ऐसे ही लिया जाना चाहिए. अगर हम असफल हुए हैं तो हम एक इकाई के रूप में असफल हुए हैं. अगर बल्लेबाजों ने रन नहीं बनाये तो उन्होंने गेंदबाजों को जरूरी समय नहीं दिया. अगर गेंदबाजों ने अच्छा नहीं किया तो उन्होंने बल्लेबाजों के लिये परेशानी बढ़ायी. हम एक इकाई के रूप में असफल हुए.
भारतीय बल्लेबाजों के लगातार असफल होने के बाद बल्लेबाजी क्रम में फेरबदल की भी बात की जा रही थी. उन्होंने कहा कि मैं शीर्ष सात में शामिल नहीं हूं. मैं आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करता हूं इसलिये मेरा काम एक छोर पर जमे रहना है और साथ ही बोर्ड पर कुछ रन जोड़ना है ताकि गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिले.
अश्विन ने इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 72 रन देकर दो विकेट चटकाये और उन्हें लगता है कि उन्होंने श्रृंखला में अच्छी गेंदबाजी की. उन्होंने कहा कि ऐसा चरण भी था, जब मैंने अच्छी गेंदबाजी की. मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मैं भाग्यशाली रहा लेकिन हमें कुछ न कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा. जब हम तीन विकेट निकाल लेते तो हम जल्दी से चौथा विकेट नहीं ले पाते.