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आसमान से आई आफत... छत फाड़कर बेडरूम में गिरी, दहशत में परिवार! जानें मामला

मकान की मालक‍िन ने कहा- यह (उल्‍कापिंड) घर की छत तोड़ते हुए सीधे बेडरूम में पहुंच गया. पहले लगा कि किसी ने पत्‍थर फेंका होगा. लेकिन जब ऊपर देखा तो पता चला कि यह छत तोड़कर नीचे आया था. गनीमत रही कि उस वक्त वहां कोई नहीं था. 

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आसमान से गिरा उल्कापिंड (सांकेतिक फोटो- गेटी)
आसमान से गिरा उल्कापिंड (सांकेतिक फोटो- गेटी)

एक परिवार उस वक्त दहशत में आ गया जब घर की छत तोड़ते हुए एक पत्थर अचानक बेडरूम में आ गिरा. शुरू में घरवाले इसे आम पत्‍थर समझ रहे थे, लेकिन जब विशेषज्ञों ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह लगभग 5 अरब साल पुराना उल्‍कापिंड (Meteoroid) है. मामला अमेरिका के न्यू जर्सी (New Jersey, US) का है. 

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इस घटना को लेकर होपवेल पुलिस विभाग ने एक बयान जारी किया. उन्होंने बताया कि धातु की एक वस्तु जिसे उल्कापिंड माना जाता है घर की छत से टकराई और फिर छत को तोड़ते हुए सीधे बेडरूम में जा गिरी. यह 4 से 6 इंच का है और इसका वजन करीब 1.8 किलोग्राम है. 

सीबीएस न्यूज के मुताबिक, स्थानीय समय के अनुसार दोपहर करीब 1 बजे वह उल्‍कापिंड घर की छत पर गिरा था. मकान की मालक‍िन सूजी कोप (Suzy Kop) ने कहा- यह (उल्‍कापिंड) घर की छत तोड़ते हुए सीधे बेडरूम में पहुंच गया. पहले लगा कि किसी ने पत्‍थर फेंका होगा. लेकिन जब ऊपर देखा तो पता चला कि यह छत तोड़कर नीचे आया था. गनीमत रही कि उस वक्त वहां कोई नहीं था. 

छत तोड़ते हुए बेडरूम में गिरी ये चीज (फोटो- HOPEWELL TOWNSHIP NJ POLICE)

फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के प्रमुख खगोलशास्त्री डेरिक पिट्स ने कहा कि संभवत: 5 अरब साल पुराना यह उल्कापिंड सौर मंडल के शुरुआती दिनों का अवशेष हो सकता है. यह अब तक अंतरिक्ष में घूम रहा था और अब पृथ्वी पर आ गिरा. वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले वीकेंड इलाके में उल्कापिंडों की बारिश (Eta Aquarids Meteor Shower) पीक पर थी. माना जा रहा है कि उसी के कारण यह पृथ्‍वी तक पहुंचने में कामयाब रहा. 

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Pic- HOPEWELL TOWNSHIP NJ POLICE

फिलहाल, उल्कापिंड की जांच कर पता लगाया गया कि उससे रेडियो एक्टिव विकिरण तो नहीं फैल रहा है. इसको लेकर फायर डिपार्टमेंट ने कंफर्म किया कि कोई खतरा नहीं है. 
 
बता दें कि जब भी कोई उल्‍कापिंड पृथ्‍वी के वायुमंडल में एंटर करता है, तो घर्षण और अत्यधिक तापमान की वजह से जल उठता है. 
ज्‍यादातर उल्‍काएं पृथ्‍वी के वायुमंडल में पूरी तरह से जल जाती हैं और हवा में ही नष्ट हो जाती हैं. लेकिन जो उल्‍काएं पूरी नहीं जल पातीं, उनका बचा हुआ हिस्सा पृथ्‍वी पर आकर गिरता है.
 
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