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'क्या है जिंदगी और मौत?' 8000 साल पुरानी पेंटिंग में बताया गया, यहां हुई थी बड़ी खोज

इन पेंटिंग्स से हजारों साल पहले के लोगों के जीवन के बारे में पता चलता है. उन्होंने गुफा का इस्तेमाल रहने के साथ ही अपने विचारों को बताने के लिए भी किया. इनकी जानकारी चित्रों के जरिए दी.

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गुफा में हजारों साल पुरानी पेंटिंग मिलीं (तस्वीर- Courtesy of Associate Professor Dr. Derya Yalçıklı)
गुफा में हजारों साल पुरानी पेंटिंग मिलीं (तस्वीर- Courtesy of Associate Professor Dr. Derya Yalçıklı)

इतिहास की बातों को जानने के लिए दुनिया के तमाम देशों में खुदाई से लेकर गुफा के विश्लेषण तक तमाम तरह के काम होते हैं. कुछ ऐसी ही खोज एक गुफा के भीतर हुई. यहां 8000 साल पुरानी पेंटिंग मिली. इसमें जिंदगी और मौत के बारे में बताया गया है. ये खोज तुर्की के बैलिकेसिर शहर की इंककाया गुफा में हुई. अध्ययन का काम कानाक्कले यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर डेर्या याल्स्की ने किया. उन्होंने वैसे तो ये खोज 2015 में ही कर ली थी. लेकिन अब इस बारे में कुछ अहम बातें बताई हैं.

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उन्होंने बताया कि इन पेंटिंग से हजारों साल पहले के लोगों के जीवन के बारे में पता चलता है. इसमें बच्चे के जन्म को लेकर जानकारी दी गई है. एक गर्भवती महिला, गर्भावस्था और फिर बच्चे को जन्म दिए जाने के बारे में बताया गया है. इस गुफा को कई कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता था. उस वक्त यहां लोग रहा करते थे. साथ ही पेंटिंग्स बनाते थे. इनमें शिकार किए जाने और जीवों से जुड़े चित्र भी हैं. 

डेर्या याल्स्की का कहना है, 'नवपाषाण और ताम्रपाषाण काल ​​को लेकर पुरातत्व क्षेत्र में कई सवाल हैं. इन गुफाओं में दीवारों पर बने चित्रों की जांच से कुछ महत्वपूर्ण जवाब मिल सकते हैं.' हालांकि इतने साल में यहां की सतह और दीवार काफी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ये गुफा 4.5 मीटर गहरी, 8 मीटर चौड़ी और 4.4 मीटर तक ऊंची है. प्रवेश द्वार पर भी एक पेंटिंग मिली है, जिसमें कुछ लोगों को नाचते हुए दिखाया गया है. 

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पेंटिंग में जिंदगी और मौत की जानकारी दी गई (तस्वीर- Courtesy of Associate Professor Dr. Derya Yalçıklı)
पेंटिंग में जिंदगी और मौत की जानकारी दी गई (तस्वीर- Associate Professor Dr. Derya Yalçıklı)

फर वाले महिला और पुरुष

पेंटिंग के दाहिनी ओर दो महिलाओं और दो पुरुषों के साथ फर पहने दिखाया गया है. जबकि बाईं ओर गर्भ में पल रहे एक भ्रूण का चित्र है. फर पहने इंसान के अलावा, एक इंसान को पीछे एक सांप के साथ दिखाया गया है. ऐसा माना जाता है कि यहां सांप मृत्यु का संकेत देने के लिए बनाया गया है. जिसकी व्याख्या विशेषज्ञों ने 'मृत्यु के क्षण' के रूप में की है. 

फर पहनकर अपने हाथों को आगे बढ़ाते इन लोगों को फरिश्ते के तौर पर दिखाया है, जो मृत्यु के समय आत्माओं को मृतकों के स्थान ले जाने में मदद कर रहे हैं. इसमें बिना सिर वाले एक मृत मानव को गिद्धों के खाने के लिए रखे जाने का भी चित्रण है. पेंटिंग की थीम जिंदगी और मौत बताई गई है.

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