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खोपड़ी के किए टुकड़े-टुकड़े, फिर जोड़ दिए... मासूम की दुर्लभ बीमारी का डॉक्टरों ने ऐसे किया इलाज

एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित 18 महीने के बच्चे का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने अनोखा तरीका अपनाया. बच्चे का 11 घंटों तक ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह ठीक किया.

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Photo- सोशल मीडिया
Photo- सोशल मीडिया

कई बार कुछ दुर्लभ बीमारियां ऐसी होती है कि जिनका इलाज भी दुर्लभ तरीके से किया जाता है. इंग्लैंड के एक मासूम बच्चे के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. जब ब्यू हैरिसन का जन्म हुआ, तो डॉक्टरों को तुरंत पता चल गया कि मासूम के शरीर में कुछ तो दिक्कत है. शुरू में लगा कि बच्चा हाइड्रोसिफलस से पीड़ित है. ये एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण मस्तिष्क के चारों ओर तरल पदार्थ जमा हो जाता है - और सिर में एक शंट डालकर उसका इलाज किया जाता है.

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हालत बिगड़ने लगी, दौरे पड़ने लगे

दो सप्ताह तक थोड़ा इलाज चलने के बाद बच्चे को घर भेज दिया गया और उसकी मां, शैनन वोंग को लगा कि सब कुछ बेहतर हो जाएगा. लेकिन ब्यू का स्वास्थ्य बिगड़ गया और उसे दौरे पड़ने लगे.  तीन बच्चों की मां शैनन ने कहा, "वह  चिड़चिड़ा हो गया और खाने से इनकार करने लगा. वह मुश्किल से सोता था, इसलिए हम उसे वापस अस्पताल ले गए जहां हमें पता चला कि शंट डालकर जो इलाज किया गया था वह विफल हो गया था. फिर अस्पताल में कई टेस्ट कराए गए."

2,500 शिशुओं में एक को होती है ये दुर्लभ बीमारी

परिवार को शेफील्ड चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल भेजा गया, जहाँ ब्यू को क्रानियोसिनेस्टोसिस का पता चला, ये एक दुर्लभ स्थिति है जो 2,500 शिशुओं में एक को अपनी चपेट में लेती है. यह तब होता है जब खोपड़ी में ज्वाइंट्स बहुत जल्दी एक साथ जुड़ जाते हैं, जिसका नतीजा होता है कि मस्तिष्क के बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती.

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'दब सकते हैं मस्तिष्क के हिस्से'

यदि इसका उपचार न किया जाए, तो यह मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को दबा सकता है. इससे असामान्य आकार का सिर, सीखने में कठिनाई, आंखों की समस्याएं और दुर्लभ मामलों में मृत्यु हो सकती है. 27 वर्षीय शैनन ने बताया, "मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि जब उन्होंने हमें बताया कि उसे क्रानियोसिनेस्टोसिस है तो मुझे कैसा महसूस हुआc" यह काफी दुर्लभ है क्योंकि देश में केवल चार अस्पताल ही ऐसी हालत के उपचार में विशेषज्ञता रखते हैं."

खोपड़ी को टुकड़े-टुकड़े करके फिर से जोड़े गए

इसके बाद इलाज शुरु हुआ. ब्यू 18 महीने का था जब उसकी खोपड़ी को टुकड़े-टुकड़े करके फिर से बनाने के लिए डॉक्टरों को 11 घंटे तक उसका ऑपरेशन करना पड़ा. इस प्रक्रिया से उसकी खोपड़ी में एक जगह बन गई ताकि उसका मस्तिष्क ठीक से विकसित हो सके.

'पता नहीं इलाज के बाद सुरक्षित बाहर आएगा या नहीं'

शैनन ने बताया, "डॉक्टरों ने उसकी खोपड़ी को कई टुकड़ों में तोड़ दिया और इसे विस्तारित करने और वापस जोड़ने के लिए घुलनशील धातु की प्लेटों का इस्तेमाल किया. अपने बच्चे को सर्जनों को सौंपना और उन पर भरोसा करना बहुत दर्दनाक है. डर लगा हुआ था कि वह दूसरी तरफ से सुरक्षित बाहर आएगा या नहीं.''

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'रिकवरी वास्तव में कठिन थी'
 
लिंकनशायर के क्लीथॉर्पेस की  शैनन ने कहा - शुक्र है, सर्जरी सफल रही. हालांकि दो साल के ब्यू के सिर पर एक बड़ा जिग-जैग निशान बन गया है. शैनन ने कहा, "रिकवरी वास्तव में कठिन थी और अब हमें हर दिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मैं डरी हुई थी कि मेरे बच्चे के साथ कुछ गलत न हो. लेकिन मेरा बच्चा किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है और सब कुछ अपनी सहजता से स्वीकार कर लेता है. मुझे उस पर बहुत गर्व है. उसने जो ताकत और दृढ़ संकल्प दिखाया है वह अविश्वसनीय है. उसे इन सब से इतनी अच्छी तरह निपटते हुए देखना मुझे प्रेरित करता है."

 

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