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महिलाओं को रेप-यौन हमलों से बचाने के लिए बनाए ड्रोन, 4 मिनट में पहुंचेगा पास

ब्रिटेन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. रात के समय अकेले सड़क पर जा रही महिलाओं की हिफाजत अब थर्मल कैमरों से लैस ड्रोन करेंगे. इस ड्रोन को ड्रोन डिफेंस द्वारा विकसित किया गया है. और इसे पूर्व पुलिस अधिकारियों, नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने बनाया है.

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सांकेतिक तस्वीर (Reuters)
सांकेतिक तस्वीर (Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्रिटेन में ड्रोन करेंगे महिलाओं की हिफाजत
  • कोई भी शख्स नहीं कर पाएगा छेड़छाड़
  • ड्रोन की कीमत करीब 35 लाख रुपये होगी

ब्रिटेन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. रात के समय अकेले सड़क पर जा रही महिलाओं की हिफाजत अब थर्मल कैमरों से लैस ड्रोन करेंगे. इस ड्रोन को ड्रोन डिफेंस द्वारा विकसित किया गया है और इसे पूर्व पुलिस अधिकारियों, नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने बनाया है.

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ब्रिटेन ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नई तकनीक का सहारा लेने का प्लान बनाया है. जब रात को महिलाएं अकेले सड़क पर चलेंगी तो थर्मल कैमरों से लैस ड्रोन उनकी हिफाजत करेंगे. इस दौरान अगर कोई छेड़खानी या उत्पीड़न के इरादे से उनके करीब आने की कोशिश करेगा तो महिलाएं अपने मोबाइल फोन ऐप के जरिए फ्लाइंग एस्कॉर्ट को अपने पास बुला सकेंगी.

चार मिनट के अंदर ड्रोन एक शक्तिशाली स्पॉटलाइट और थर्मल कैमरों से लैस होकर यौन हमलावरों और पीछा करने वालों को डराने के लिए आएंगे और उन्हें भगा देंगे. ये ड्रोन बेहद शक्तिशाली होंगे. एक ड्रोन की कीमत करीब 35 लाख रुपये होगी.

'डेली स्टार' में छपी एक खबर के मुताबिक, इस ड्रोन को ड्रोन डिफेंस द्वारा विकसित किया गया है और इसे पूर्व पुलिस अधिकारियों, नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने बनाया है. छात्राओं और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एआई-संचालित इस प्रणाली की टेस्टिंग की जाएगी. इस ड्रोन को बनाने वाले आविष्कारकों का कहना है कि आगे चलकर यह पुलिस हेलीकॉप्टरों की जगह ले सकता है. 

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ड्रोन डिफेंस के संस्थापक रिचर्ड गिल ने कहा कि इसकी टेस्टिंग नॉटिंघम विश्वविद्यालय में की जाएगी. नॉटिंघम विश्वविद्यालय में टेस्टिंग का मकसद यह दिखाना है कि यह ड्रोन पुलिस हेलीकॉप्टरों की तुलना में जनता की सुरक्षा के लिए एक सस्ता, शांत और कम प्रदूषण वाला विकल्प है.

उन्होंने कहा, ''हेलीकॉप्टरों की पुलिस बल की तैनाती में प्रति घंटे तीन लाख रुपये तक की लागत आती है और इसमें पांच चालक दल के सदस्य होते हैं.  जबकि इस ड्रोन की लागत 10 हजार रुपये प्रति घंटा रहेगी. यह ड्रोन 200 फुट की ऊंचाई पर उड़ेगा और इसका एआई फोन सिग्नल को आसानी से ट्रैक कर लेगा. जरूरत पड़ने पर कंट्रोल सिस्टम में बैठा पायलट इसे अपने नियंत्रण में ले सकेगा.''

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