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यूरोपीय देशों ने 6 दिन बाद अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोला

ब्रिटेन और जर्मनी समेत ज्यादातर यूरोपीय देशों ने बुधवार को अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोल दिया. इन देशों ने आइसलैंड में ज्वालामुखी से निकले गुबार के कारण छह दिनों से अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा था.

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ब्रिटेन और जर्मनी समेत ज्यादातर यूरोपीय देशों ने बुधवार को अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोल दिया. इन देशों ने आइसलैंड में ज्वालामुखी से निकले गुबार के कारण छह दिनों से अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा था.

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इसके कारण पूरी दुनिया के हजारों यात्री फंसे हुए थे और एयरलाइनों को 1.7 अरब डालर का घाटा हुआ. ब्रिटेन के सभी हवाई अड्डों को एक नए करार के तहत दोबारा खोल दिया गया. इस करार के तहत एयरलाइनों ने सहमति जताई है कि प्रत्येक उड़ान के पहले और बाद में विमानों को गुबार से हुए नुकसान का गहन निरीक्षण किया जाएगा.

जर्मनी और 18 अन्य यूरोपीय देशों ने भी अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोलने की घोषणा की. अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन एसोसिएशन (आईएटीए) ने कहा कि एयरलाइनों को ज्वालामुखी से निकले गुबार के कारण हवाई अड्डों को बंद किए जाने से 1.7 अरब डालर का नुकसान हुआ है. आईएटीए के गियोवान्नी बिसिगनानी ने बर्लिन में कहा कि सप्ताहांत के दौरान एयरलाइनों को प्रतिदिन 40 करोड़ डालर का नुकसान हो रहा था.

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उन्होंने प्रतिदिन हो रहे 20 करोड़ डालर के नुकसान के पूर्व के अनुमान को रूढ़िवादी करार दिया. यूरोप की हवाई यातायात नियंत्रण एजेंसी यूरोकंट्रोल ने कल रात कहा था कि करीब 75 फीसदी यूरोपीय हवाई क्षेत्र अब खुल गया है और पश्चिमोत्तर यूरोप में सिर्फ एक छोटा हवाई गलियारा बंद है. {mospagebreak}

यूरोकंट्रोल ने कहा कि यूरोप की 27 हजार दैनिक उड़ानों में से करीब 50 फीसदी उड़ानों का मंगलवार को परिचालन बहाल हो गया. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने ब्रूसेल्स में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में महाद्वीप में हवाई यातायात सामान्य हो जाएगा. ज्वालामुखी से निकल रहे गुबारों के कारण गत गुरुवार को प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से समूचे यूरोप में 95 हजार उड़ानें रद्द कर दी गई थीं. यह गुबार आइसलैंड से महाद्वीप के अन्य देशों में फैल रहा था.

हवाई क्षेत्र को दोबारा पूरी तरह खोले जाने के पहले कल जर्मनी के मुख्य हवाई अड्डे से 800 से अधिक उड़ानों का परिचालन हुआ. राष्ट्रीय एयरलाइन लुफ्तहांसा, एयर बर्लिन और जर्मन विंग्स और चार्टर आपरेटर कंडोर ने विदेश में फंसे अपने सैकड़ों यात्रियों को वापस स्वदेश लाने के लिए और जर्मनी में फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विशेष अनुमति हासिल की. जर्मनी के हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण डीएफएस ने कहा कि एयरलाइनों को विशेष अनुमति जारी की गई और पायलटों को अपने विमानों को अपनी दृश्यता पर भरोसा करके उड़ाना है.

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एयरलाइनों को विशेष अनुमति जारी करने का फैसला जर्मनी के संघीय हवाई सुरक्षा कार्यालय ने किया. यह अनुमति लुफ्तहांसा द्वारा परीक्षण उड़ान में 3000 मीटर से नीचे नियंत्रित उड़ान भरने में कोई खतरा नहीं होने की बात दर्शाए जाने के बाद दी गई.

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