वैज्ञानिकों ने से लगभग चार हजार साल पहले भारतीय और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले जैविक प्रवाह के सबूत खोज निकाले हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह संपर्क भारत के यूरोप के साथ संबंधों से भी पुराना है.
शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे पुराने निवासियों, न्यू गिनी के लोगों, दक्षिण पूर्वी एशियाई और भारतीयों में जीन परिवर्तनों का विश्लेषण किया. इन परिणामों से पता चलता है कि आज से 4,230 साल पहले भारत से ऑस्ट्रेलिया की ओर काफी मात्रा में जैविक प्रवाह हुआ था. यह यूरोप के संपर्क में आने से पहले की बात है.
ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया लगभग 40 हजार साल पहले अपने प्रारंभिक उपनिवेशीकरण और 1800 के अंतिम सालों में यूरोपीयों के आने के बीच में अलग-थलग सा पड़ा रहा था.
इस अध्ययन को जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर एवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी ने किया. संस्थान को ऑस्ट्रेलियाई, न्यू गिनी और फिलीपीन की मामान्वा जनसंख्या के बीच एक समान उद्भव के सबूत देखे.
इन समुदायों ने शुरूआत में दक्षिणी दिशा में प्रवास मार्ग को अपनाया था जबकि अन्य आबादी इस क्षेत्र में कुछ समय बाद रहने आईं.
अफ्रीका के बाहर कुछ आधुनिक इंसानों की मौजूदगी के पुरातत्विक सबूत ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलते हैं. यहां के पुराने स्थल आज से कम से कम 45 हजार साल पुराने होंगे. ये स्थल ऑस्ट्रेलिया में अफ्रीका के अतिरिक्त सबसे पुरानी और सतत जनसंख्या होने की पुष्टि करते हैं. पहले यह माना जाता था कि साहुल-समग्र ऑस्ट्रेलिया-न्यू गिनी भूभाग पर लोगों के आने के बाद और 18 वीं सदी के अंत में यूरोपीयों के आगमन के बीच ऑस्ट्रेलिया बाकी विश्व से पूरी तरह अलग-थलग पड़ा था.
शोधकर्ता इरीना पुगाचा ने एक बयान में कहा, ‘यह तिथि ऑस्ट्रेलिया के पुरातत्विक रिकॉर्ड में कई बदलावों की तारीखों से मेल खाती है. इनमें वनस्पति प्रसंस्करण में अचानक आए परिवर्तन और पत्थर के बने औजारों की तकनीकें और अवशेषों के रिकॉर्ड रखने के लिए डिंगो (ऑस्ट्रेलियाई कुत्ता) की मदद लेना आदि शामिल हैं.’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम भारत से ऑस्ट्रेलिया की ओर जैविक प्रवाह भी इसी समय के दौरान देख रहे हैं इसलिए ये बदलाव इस प्रवास से जुड़े हुए भी हो सकते हैं.’ शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनी और ममान्वा की आबादी और फिलीपीन्स के निग्रितो समूह के बीच समान उद्भव पाया. उनका अनुमान है कि ये समूह आज से लगभग 36 हजार साल पहले एक दूसरे से अलग हो गए थे.
इससे संकेत मिलते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई और न्यू गिनी के लोग काफी पहले ही अलग-अलग चले गए थे न कि तब जबकि यह इलाका 8000 साल पहले समुद्री जल के बढ़ने से अलग हुआ था.