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क्लाथिंग, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी फैब इंडिया के फेस्टिव सीजन कैंपेन पर बवाल मचा हुआ है. दरअसल, फैब इंडिया की ओर से त्योहारों पर 'जश्न-ए-रिवाज' कैंपेन की शुरुआत की गई है. भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि दीपावली 'जश्न-ए-रिवाज' नहीं है.
फैब इंडिया ने एक ट्वीट करते हुए कहा- 'जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रियाज़ एक ऐसा संग्रह है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को नमन करता है.' हालांकि बवाल के बाद फैबइंडिया ने अपना ट्वीट डिलिट कर दिया है.
दरअसल, फैब इंडिया ने 'जश्न-ए-रिवाज' कैंपेन को लॉन्च करते हुए Vougue के एक रिपोर्ट में कहा- जैसा कि हम प्रेम और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा 'जश्न-ए-रिवाज' एक ऐसा संग्रह है जो भारतीय संस्कृति को खूबसूरती से नमन करता है; एक संग्रह जो देश के रंग, माहौल और व्यक्तित्व को गले लगाता है.
फैब इंडिया ने कहा, 'इस दिवाली पहले से कहीं अधिक हम सभी मित्रों और परिवार से घिरे रहने के लिए आभारी हैं. यह संग्रह अपनेपन की भावना का प्रतीक है, आपसे शिल्प को अपनाने का आग्रह करता है. ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमारे कारीगरों का सम्मान करके अपनी जड़ों का जश्न मनाना रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा न हो.'
Very shameful statement by @FabindiaNews on Deepavali! This is a Hindu religious festival just as Christmas and EID is for others! This kind of statement shows a very deliberate attempt to subvert a religious festival! @ARanganathan72 @PrinceArihan @anuraag_saxena https://t.co/L3PN6Nj4f8
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) October 18, 2021
फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज कैंपेन पर सबसे पहले तंज पद्श्री और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चैयरमैन मोहनदास पाई ने कसा. उन्होंने कहा, 'दीपावली पर फैब इंडिया का बहुत ही शर्मनाक बयान! यह एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जैसे क्रिसमस और ईद दूसरों के लिए है! इस तरह का बयान एक धार्मिक त्योहार को खत्म करने की सोची-समझी कोशिश को दिखाता है!'
एक यूजर ने जब 'जश्न-ए-रिवाज' को सही ठहराया तो अपने अगले ट्वीट में मोहनदास पाई ने कहा, 'आप नहीं समझे! एक हिंदू त्योहार के लिए विदेशी शब्दों का प्रयोग हमारी विरासत को छीनने और इसे नष्ट करने का एक जानबूझकर प्रयास है! दिवाली के बाद आप किसी भी ब्रांड नाम का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इस समय, इसे दिवाली से जोड़ना एक विकृत मानसिकता को दर्शाता है!'
Deepavali is not Jash-e-Riwaaz.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 18, 2021
This deliberate attempt of abrahamisation of Hindu festivals, depicting models without traditional Hindu attires, must be called out.
And brands like @FabindiaNews must face economic costs for such deliberate misadventures. https://t.co/uCmEBpGqsc
इसके बाद फैब इंडिया की आलोचना शुरू हो गई. बीजेवाईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा, 'दीपावली जश-ए-रियाज नहीं है. ऐसे जानबूझकर किए गए दुस्साहस के लिए आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा.'
Fab India clothes are overpriced & after one wash look like rags. Need to go for other brands.
— Prashant Umrao (@ippatel) October 18, 2021
इसके बाद बवाल शुरू हो गया. बीजेपी यूपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने ट्वीट करके कहा, 'फैब इंडिया के कपड़े बहुत महंगे हैं और एक बार धोने के बाद बेकार हो जाते हैं, अन्य ब्रांडों की तरफ जाने की जरूरत है.'
वहीं एक यूजर ने लिखा- करवाचौथ, अहोई, दीपावली, भाईदूज ये क्या मुस्लिम फेस्टिवल है जो तुम 'जश्न-ए-रिवाज' लिख रहे हो. एक अन्य यूजर ने लिखा- फैब इंडिया का बहिष्कार करें, मुझे उनकी बातें समझ नहीं आ रही हैं, ऐसा लगता है कि उन्होंने पाकिस्तान को नौकरी आउटसोर्स कर दी है.