एक नए शोध में पता चला है कि फेसबुक ‘लाइक्स’ मिलने से लोग ना तो अपने बारे में बेहतर महसूस करते हैं ना ही उनके मूड में सुधार आता है.
ब्रिटेन में ब्रिटिश सायक्लॉजिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन में इसी से जुड़ा शोध प्रस्तुत किया गया. यह शोध ट्विटर और फेसबुक द्वारा चुने गए 340 लोगों के व्यक्तित्व प्रश्नावली पर आधारित था. उनसे यह भी पूछा गया कि वे सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा सराहना किए जाने के तरीकों से जुड़े 25 बयानों से कितना सहमत या असहमत हैं.
सोशल मीडिया से चिंताओं को जन्म
उदाहरण के लिए ‘सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचने से मुझे अच्छा महसूस होता है’ या ‘मैं किसी को मिले लाइक्स के आधार पर उसे लोकप्रिय मानता/मानती हूं.’ ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के मार्टिन ग्राफ ने कहा, ‘सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के बढ़ते दायरे ने हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव के बारे में सामान्य चिंताओं को जन्म दिया है.’
ग्राफ के मुताबिक, यह छोटे पैमाने पर किया गया शोध है लेकिन इसके परिणाम दिखाते हैं कि सोशल मीडिया पर बातची त करने के तरीके इस पर प्रभाव डाल सकते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं और यह हमेशा सकारात्मक नहीं होता.
विश्लेषण में पता चला कि शोध में भाग लेने वाले जिन लोगों ने कहा कि उन्होंने ज्यादा लाइक्स पाने के लिए अलग तरीकों को अपनाया उनमें आत्मसम्मान की कमी या विश्वास कम होने की आशंका अधिक थी. यही बात उन लोगों के साथ भी सच साबित हुई जिन्होंने पोस्ट डिलीट करने या किसी तस्वीर को मिले लाइक्स के आधार पर उसे प्रोफाइल पिक्चर बनाने की बात स्वीकारी.
शोध के नतीजों से यह भी पता चला कि लाइक्स मिलने से असल में लोगों को अपने बारे में अच्छा महसूस नहीं होता.