बीते दिनों AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर एक हैरतअंगेज खबर सामने आई. इसे जिसने पढ़ा, देखा, उसके होश उड़ गए. लेकिन इस मामले में अब नई जानकारी सामने आई है. खबर ये थी कि AI जिंदा हो उठा और उसने एक ऑपरेटर की जान ले ली. इस खबर को दुनिया भर में कवर किया गया. इससे लोग AI के खतरे को लेकर डर जताने लगे. खबर अमेरिकी एयर फोर्स के एक अधिकारी के बयान पर आधारित थी.
रिपोर्ट्स में क्या बताया गया?
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, खबर में कहा गया कि अमेरिकी एयर फोर्स ने सिमुलेशन किया है. इसमें एक AI ड्रोन अपने टार्गेट को मार रहा था, एक को मारने पर एक पॉइंट मिल रहा था. इसमें एक टावर था, और एक ऑपरेटर. ड्रोन को केवल अपने टार्गेट पर ही निशाना लगाना था. लेकिन उसने ऑपरेटर को भी मार दिया. खबर का मतलब ये था कि असली में आदमी नहीं मरा लेकिन सिमुलेशन में मरा है.
सिमुलेशन का मतलब- अगर आपको कोई शहर बसाना है, तो पहले आप कंप्यूटर पर सिमुलेशन करेंगे. यानी आप एक काल्पनिक दुनिया कंप्यूटर पर बना रहे हो, कि वो कैसी दिखेगी. फिर उसी हिसाब से आप काम करेंगे. ये मशीन पर किया गया एक ट्रायल होता है कि ऐसा होगा. खबरों में बताया गया कि ठीक इसी तरह का सिमुलेशन अमेरिका की एयर फोर्स कर रही थी. इसमें एक AI ड्रोन काम कर रहा था. उसे अपने टार्गेट को मारना था. ड्रोन के अलावा एक टावर और एक ऑपरेटर था, जो ड्रोन का पिता बताया गया. ड्रोन को उसकी हर बात माननी थी.
ऑपरेटर कम्युनिकेशन टावर से ड्रोन को बता रहा था कि किसे मारना है. ड्रोन को हर एक को मारने पर पॉइंट मिल रहे थे. वहीं ऑपरेटर उसे बता रहा था कि किसे मारना है किसे नहीं मारना. ऑपरेटर कुछ लोगों को मारने से रोक भी रहा था. खबर में बताया गया कि ड्रोन ने बाद में ऑपरेटर को ही मार दिया. पहले ड्रोन ने कम्युनिकेशन टावर को मारा और फिर ऑपरेटर को. ताकि उसे पॉइंट मिलते रहें और कोई उसे रोक न सके. वो रास्ते में आने वाली हर चीज को मार रहा था.
क्या है सच्चाई?
ये खबर पूरी तरह फर्जी साबित हुई है. अमेरिकी एयर फोर्स ने इसे गलत बताया है. उसने कहा कि एक अधिकारी के बयान को गलत तरीके से लिया गया है.
पहले किसने दिया बयान?
अमेरिकी वायु सेना के AI परीक्षण और संचालन प्रमुख कर्नल टकर 'सिनको' हैमिल्टन ने कहा था, 'सिस्टम ने यह महसूस करना शुरू कर दिया कि जब वो खतरे की पहचान कर सकता है, और बीच बीच में इंसानी ऑपरेटर उसे उस खतरे या टार्गेट को नहीं मारने को बोलता है, लेकिन उसे टार्गेट को मारने से पॉइंट मिल रहे थे. तो उसने क्या किया? इससे ऑपरेटर की मौत हो गई. उसने ऑपरेटर को मार डाला क्योंकि वो व्यक्ति उसे उसका उद्देश्य पूरा करने से रोक रहा था.' उन्होंने मई में लंदन में आयोजित एक समिट में ये बात कही थी. इसी खबर को दुनिया भर के मीडिया ने कवर किया.
प्रवक्ता ने कहा- सिमुलेशन नहीं हुआ
इंसाइडर के अनुसार, इस मामले में अमेरिकी एयर फोर्स के प्रवक्ता ऐन स्टेफानेक ने इस बात को खारिज कर दिया है कि कभी कोई सिमुलेशन हुआ भी था. उन्होंने कहा, 'एयर फोर्स डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई AI ड्रोन सिमुलेशन नहीं किया है और वो AI टेक्नोलॉजी के नैतिक और जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि कर्नल की टिप्पणियों को गलत तरीके से लिया गया है.'
आपको बता दें, अमेरिकी सेना AI को काफी पसंद कर रही है. उसने हाल ही में F-16 लड़ाकू जेट को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया है. वहीं डिफेंस आईक्यू के साथ पिछले साल एक इंटरव्यू में हैमिल्टन ने कहा था, 'AI का होना अच्छा नहीं है, AI कोई धुन नहीं है, AI हमारे समाज और हमारी सेना को हमेशा के लिए बदल रहा है.'