मछलियों के बारे में आम धारणा यह है कि उनमें दिमाग नहीं होता और उन्हें दर्द महसूस नहीं होता. लेकिन अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि मछलियों का दिमाग कई मायनों में हम इंसानों से भी तेज होता है. ऑस्ट्रेलिया की मैक्वोयर युनिवर्सिटी के कुलुम ब्राउन ने एक समीक्षा में लिखा, ‘मछलियों की यादाश्त तेज होती है.’
यहां तक कि मछलियां खुद को और दूसरी मछलियों को बेहतर तरीके से पहचान भी सकती हैं. वे एक-दूसरे के साथ सहयोग करती हैं. अध्ययन में पता चला कि इंसानों की तरह मछलियां भी स्वविकसित उपकरणों का इस्तेमाल करने में सक्षम होती हैं. अपने शोध के लिए बोनी मछली का अध्ययन करने वाले ब्राउन ने लिखा, ‘मछलियों का व्यावहारिक और ज्ञान संबंधी सुधार और उनमें दर्द की धारणा के विषय में मिले व्यापक सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि किसी भी अन्य रीढ़ वाले प्राणी की तरह ही मछलियों को भी संरक्षण दिए जाने की जरूरत है.’
जर्नल एनिमल कॉग्निशन में प्रकाशित शोध के मुताबिक मछलियों की अब तक ज्ञात 32,000 प्रजातियां अन्य रीढ़ वाले प्राणियों की तुलना में कहीं ज्यादा हैं, लेकिन इनके संरक्षण की ओर आवश्यक ध्यान नहीं दिया गया है.