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खाने की चीजों के विज्ञापन बढ़ाते हैं असंतुलित डाइट

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि खाने की चीजों से जुड़े टीवी विज्ञापन देखकर अपने खाने की पसंद तय करने वाले लोगों में असंतुलित आहार लेने का खतरा बढ़ जाता है जिसका नुकसान ऐसे लोगों की सेहत को भी होता है.

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एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि खाने की चीजों से जुड़े टीवी विज्ञापन देखकर अपने खाने की पसंद तय करने वाले लोगों में असंतुलित आहार लेने का खतरा बढ़ जाता है जिसका नुकसान ऐसे लोगों की सेहत को भी होता है.

अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि विज्ञापनों को देखकर अपने खाने की पसंद तय करने वाले लोगों में असंतुलित आहार को बढ़ावा मिलता है.

अध्ययन करने वालों ने पाया कि विज्ञापनों में दिखायी गयी खाने की किसी चीज में यदि 2,000 कैलोरी डाइट हो तो निश्चित तौर पर इसमें चीनी की मात्रा सामान्य से 25 गुना ज्यादा होगी जबकि वसा की मात्रा भी इसमें 20 गुना ज्यादा होगी.

असल में इसमें चीनी और वसा की मात्रा इस कदर ज्यादा होती है कि औसतन चीनी की मात्रा तीन दिनों का कोटा पूरा कर देती है जबकि वसा के मामले में भी ढ़ाई दिन की जरूरत पूरी हो जाती है.

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आर्मस्ट्रांग एटलांटिक स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर माइकल मिंक ने कहा ‘अध्ययन के नतीजों से पता चलता है कि टीवी पर दिखाए जाने वाले खाने की चीजों से जुड़े विज्ञापन लंबे समय तक रहने वाली बीमारी से जुड़े पोषक-तत्वों की जरूरत से ज्यादा आपूर्ति कर देती है जबकि बीमारी से लड़ने में मददगार पोषक तत्वों की जरूरत से काफी कम आपूर्ति करती है.’

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