कभी 22 गज की पिच पर उनकी एक हुंकार हजारों तालियों की गड़गड़ाहट में बदल जाती थी, लेकिन आज क्रिस केर्न्स की जिंदगी एक ट्रक के स्टेयरिंग तक सिमटकर रह गई है. अपनी तीसरी पत्नी मेल क्रोसर को प्रपोज करने के लिए न्यूजीलैंड के इस ऑलराउंडर ने कभी 3.2 कैरेट का हीरा खरीदा था, लेकिन आज वह 17 डॉलर प्रति घंटे की नौकरी करने पर विवश है. नौकरी इसलिए कि परिवार चलाना, चार बच्चों की परवरिश करनी है, बिल भरने हैं, किराया देना है और नौकरी इसलिए भी कि कोर्ट में खुद को पाक-साफ साबित करना है.
मैच फिक्सिंग का आरोप लगा, तो क्रिकेट छूट गया. बल्ले और बॉल के अलावा और कुछ समझ नहीं आता था इसलिए 44 साल की उम्र में कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते, जिंदगी ट्रक के गोल पहियों तक सिमट गई. न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक रहे क्रिस के जीवन की यही कहानी है. लेकिन अर्धविराम या पूर्ण विराम कहानियों में लगती है, जिंदगी तो चलती रहती है और जब बगल से कोई 'पापा आईसक्रीम' कहने वाला हो तो यकीनन थककर भी उठना पड़ता है, लड़ना पड़ता है.
क्रिस के सबसे अच्छे दोस्तों में शुमार न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर डियॉन नैश कहते हैं, 'वह फाइटर है. वह वाकई बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. अपनी फैमिली को सपोर्ट करने के लिए वह ट्रक चलाता है. उसे अपने ऊपर लगे कीचड़ के दाग को मिटाना है. मैं उसे सपोर्ट कर सकता हूं. लेकिन एक दोस्त के तौर पर उसे इस हाल में देखना दुख देता है. उसके नाम को बेवजह घसीटा गया. वह चैम्पियन है और यकीन है कि इन सब से उबर जाएगा.'
दो बच्चों की मां और क्रिस की पत्नी क्रोसर कहती हैं, 'क्रिस के पास कोई विकल्प नहीं था. उसे अपने परिवार को पालना है. वह उस ट्रक के ड्राइवर हैं जो बस शेल्टर की सफाई करता है.' क्रोसर आगे कहती हैं कि क्रिस की उम्र 44 साल है. वह अभी भी कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं. ऑकलैंड काउंसिल के लिए काम करते हैं. कानूनी खर्च के लिए भी पैसे चाहिए. परिवार के पास अपना घर नहीं है, इसलिए किराया भी चुकाना होता है.