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ये कैसा म्यूजियम... जहां कपड़े उतारकर जा रहे लोग, अंदर लगी हैं ऐसी फोटो और मूर्तियां

फ्रांस का एक खास म्यूजियम है जहां अब से दिसंबर तक हर महीने में केवल एक दिन अनोखी एग्जिबीशन लगाई जाएगी. यहां अजीब यह है कि ये म्यूजियम एंट्री के लिए विजिटर्स को न्यूड होने की इजाजत देता है.

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सांकेतिक तस्वीर (Pexels)
सांकेतिक तस्वीर (Pexels)

दुनिया में एक से एक अजीबोगरीब चीजें हैं जिन्हें देखने या वहां तक पहुंचने के लिए काफी हिम्मत चाहिए होती है. अब आप सोचेंगे कि हम गुफाओं में घूमने, ट्रैकिंग या पैराग्लाइडिंग जैसे किसी ए़डवेंचर की बात कर रहे हैं. तो ऐसा नहीं है लेकिन ये किसी खतरनाक एडवेंचर से कम भी नहीं है.

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ये फ्रांस का एक खास म्यूजियम है जहां अब से दिसंबर तक हर महीने में केवल एक दिन अनोखी एग्जिबीशन लगाई जाएगी. लेकिन अजीब यह है कि ये म्यूजियम एंट्री के लिए विजिटर्स को न्यूड होने की इजाजत देता है. हालांकि लकड़ी के फर्श पर चलने और गंदगी से बचने के लिए जूते पहने जा सकते हैं.

क्यों नग्न होकर आएं विजिटर्स?

यह म्यूजियम फ्रांस के शहर मार्सिले में है, जिसे मार्सिले म्यूजियम के नाम से जाना जाता है.दरअसल ये म्यूजियम यूरोप में प्रकृतिवाद (Naturism) के इतिहास को दर्शाने वाले नग्न चित्रों का प्रदर्शन कर रहा है और चाहता है कि लोग बिना कपड़ों के आकर इन चित्रों से कनेक्ट कर पाएं. 

एएफपी की खबर के अनुसार इस एग्जिबीशन में कला के कई नमूने हैं जिनमें तस्वीरें, फिल्में, पेंटिंग, मैगजीन, मूर्तियां और बहुत कुछ शामिल हैं.ये फ़्रांस और स्विटज़रलैंड में प्रकृतिवादी समुदायों और पब्लिक और प्राइवेट कलैक्शन से जुटाए गए हैं.इसमें पेरिस में सेंटर पोम्पीडौ, लौवर और बर्न की स्विस नेशनल लाइब्रेरी शामिल हैं।

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म्यूजियम का न्यूड विजिटर्स वाला ऐलान अधिकतर लोगों के लिए कल्चरल  शॉक था. इंग्लैंड से आए दो लोग यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए कि यहां नग्नता के प्रति कितना लिबरेटेड रवैया है.किरेन पार्कर-हॉल और ज़ेंडर पैरी, जो बिना किसी कपड़े के संग्रहालय में घूम रहे थे, ने एएफपी को बताया कि यह उनके लिए 'जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर' था क्योंकि इंग्लैंड प्रकृतिवादी चीजों के लिए उतना खुला नहीं है.वहां ये शर्म की बात होगी.

मार्सिले और नेचरिस्ट मूवमेंट

ये म्यूजियम, फ्रांस को उन लोगों के लिए दुनिया का लीडिंग टूरिस्ट स्पॉट बताता है जो बाहर नग्न रहना पसंद करते हैं. लोकल नेचरिस्ट एसोसिएशन के हेड ब्रूनो सॉरेज़ ने एएफपी को बताया कि स्विट्जरलैंड और जर्मनी में नैचुरिस्ट आंदोलन 19वीं सदी में शुरू हुआ था.हालांकि, फ्रांस में, पहला नेचरिस्ट ग्रुप साल 1930 में दक्षिणपूर्वी प्रोवेंस क्षेत्र में उभरा और तेजी से पूरे देश में फैल गया.मार्सिले, आंशिक रूप से अपने माइल्ड क्लाइमेट के कारण, फ्रांस में नेचरिस्ट्स का गढ़ माना जाता है और कई डेडिकेटेड सेंटर्स की मेजबानी करता है।

'क्या कपड़े पहनकर म्यूजियम में आ सकते हैं?'

लेकिन, क्या पूरे कपड़े पहने लोग भी म्यूजियम में आ सकते हैं? मुसेम के एक प्रवक्ता ने इस सवाल पर एएफपी को बताया कि इसे थोड़ा अजीब माना जा सकता है क्योंकि टिकट बुक करने वालों के लिए कुछ हद तक नग्न अवस्था में रहना लॉजिकल है.यह एग्जिबीशन 9 दिसंबर तक चलेगा.

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