सदियों पहले भारत के ऋषि मुनियों द्वारा की जाने वाली यौगिक क्रिया ‘योग निद्रा’ आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में तनाव से मुक्ति पाने के लिये काफी लोकप्रिय हो रही है.
हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में किये गये एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है.
यह अध्ययन करने वाले डा. कामाख्या कुमार ने बताया, ‘विश्व भर में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के तनाव दूर करने के लिये योग निद्रा आजकल एक सबसे अच्छे विकल्प के रूप में उभरी है.’ कुमार यौगिक विज्ञान के क्षेत्र में एक जाना माना नाम है और उनके उल्लेखनीय योगदान के लिये उन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी सम्मानित किया था.
अध्ययन के अनुसार, योगनिद्रा के नियमित अभ्यास से सभी प्रकार के तनाव दूर हो जाते हैं और इसके बाद व्यक्ति अपने आपको काफी तरोताजा अनुभव करता है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चिन्मय पांडया ने बताया कि रूस, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया मंत संचालित किये जा रहे गायत्री चेतना केंद्रों में सैकड़ों लोगों को योगनिद्रा के अभ्यास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
योगनिद्रा एक ऐसी यौगिक क्रिया है, जिसमें शरीर न तो जाग्रत अवस्था में रहता है और न ही सुप्तावस्था में इसे सोते समय भी जाग्रत रहने की अवस्था माना जा सकता है.