क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि हमारे घरों की दीवारों पर चिपकी रहने वाली छिपकली के घराने से कोई ऐसा भी हो सकता है जिसकी कीमत लाखों में हो जाए. लेकिन चीन की इस छिपकली की कीमत सुन कर आपको एकाएक विश्वास नहीं होगा. इसकी कीमत तो कुछ ऐसी है जैसे हीरे होते हैं.
इस दुर्लभ छिपकली का नाम गीको है. यह छिपकली 'टॉक के' जैसी शब्द की आवाज निकालती है. इस वजह से इसे टॉके के नाम से भी जाना जाता है. बाजार में इसकी कीमत 40 लाख रुपये है. कहते हैं कि इसकी कीमत के पीछे इसके भीतर छिपे गुणों की भरमार है.
दवाइयों में होता है इस्तेमाल...
दरअसल गीको नाम की इस छिपकली का मांस दवाइयां बनाने में इस्तेमाल होता है. दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाई बनाने में इसका इस्तेमाल होता है. साथ ही साथ मर्दानगी को बढ़ाने के लिए भी इस छिपकली का इस्तेमाल किया जाता है.
चीन में इसे ट्रेडिशनल मेडिसिन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं वजहों से इंटरनेशनल ब्लैक मार्केट में इनकी खासी मांग है. यहां इन्हें 40 लाख की कीमत तक खरीदा-बेचा जाता है.
गौरतलब है कि यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है. जंगलों की लगातार कटाई की वजह से गीको नामक यह छिपकली अब खत्म होने की कगार पर है.