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पाकिस्तान में जूम पम्प पर लड़कियां बांट रही हैं पेट्रोल

पाकिस्तान में पहली बार एक पेट्रोल स्टेशन में परिचालन के लिए लड़कियों की भर्ती की गई है. रूढ़िवादी मुस्लिम देश में महिलाओं को अधिकारसंपन्न बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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लाहौर स्थित जूम पेट्रोल पंप
लाहौर स्थित जूम पेट्रोल पंप

पाकिस्तान में पहली बार एक पेट्रोल स्टेशन में परिचालन के लिए लड़कियों की भर्ती की गई है. रूढ़िवादी मुस्लिम देश में महिलाओं को अधिकारसंपन्न बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि अक्सर महिलाओं को सार्वजनिक काम करने से हतोत्साहित किया जाता रहा है.

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लाहौर के जूम पेट्रोल स्टेशन ने महिलाओं की भर्ती करने का साहसिक कदम उठाया है. दिलचस्प यह भी है कि यह अब तक पुरुषों के वर्चस्व वाला क्षेत्र ही रहा है. स्टेशन में काम कर रही लड़कियों में से एक आयशा ने कहा, 'पेट्रोल स्टेशनों पर और संख्या में महिलाओं की भर्ती की जानी चाहिए. इसके लिए वे पुरुषों से कम नहीं हैं. जब भी कोई कार आती है हम ग्राहकों का अभिवादन करते हैं और उनसे पूछते हैं कि वह हाई ऑक्टेन लेंगे या प्रीमियम. हम अनावश्यक बातचीत नहीं करते.'

मिलता है पुरुषों से अधिक वेतन
जानकारी के मुताबिक, पेट्रोल स्टेशन पर लड़कियां दो पालियों में काम करती हैं. पहली पाली सुबह आठ बजे से शुरू होती है और शाम पांच बजे तक चलती है. दूसरी पाली सुबह दस बजे शुरू होकर शाम सात बजे तक चलती है. उन्हें पुरुष कर्मियों की तुलना में अधिक वेतन मिलता है और उन्हें सीधे पेट्रोल स्टेशन द्वारा नियुक्त किया गया है, जबकि पुरुष कर्मियों को संविदा पर या दैनिक मजदूरी पर रखा गया है.

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पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने पेट्रोल स्टेशन के प्रबंधक सईब के हवाले से कहा कि महिला कर्मचारियों की नियुक्ति से प्रबंधन को कोई परेशानी नहीं है. महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के सवाल पर सईब ने कहा, 'हमने कभी इसकी जरूरत महसूस नहीं की, क्योंकि हमें स्टाफ या ग्राहक किसी से भी कोई शिकायत नहीं मिली है.' रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च और निम्न वर्ग को अपनी महिलाओं के काम करने पर कोई एतराज नहीं है, जबकि निम्न-मध्य वर्ग और मध्य वर्ग का दृष्टिकोण ज्यादा रूढ़िवादी है.

-इनपुट भाषा से

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