जाने माने योगाचार्य स्वामी रामदेव ने लोगों को लौकी के रस का अधिकाधिक सेवन करने की सलाह देते हुए आज कहा कि लौकी का रस सदियों से स्वास्थ्यवर्धक माना जाता रहा है लापरवाही से अगर कोई कड़वी लौकी का प्रयोग कर ले तो उसके प्रथम उपचार में तुरंत वमन करें और थोडी.थोडी मात्रा में सामान्य लौकी का जूस लें.
लौकी और करेले के रस को मिलाकर पीने से सीएसआईआर के एक वैज्ञानिक की मौत होने संबंधी खबर पर उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पिछले चार साल से लौकी के जूस का सेवन कर रहा है एक जरा सी असावधानी से उसके जीवन की हानि हो गयी.
स्वामी रामदेव ने लंदन से टेलीफोन पर बताया कि लौकी के रस का सेवन करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे लौकी और करेले के रस का सेवन एक साथ नहीं करें ताकि भ्रम कड़वी लौकी के सेवन की गुंजाइश ही समाप्त हो जाए. उन्होंने कहा कि लौकी का सेवन सदियों से लाभकारी रहा है. उन्होंने लोगों को कड़वी लौकी का जूस नहीं पीने की सलाह दी.
रामदेव ने कहा कि लौकी में कडवापन टेट्रोसाइक्लिक ट्राइटरपेनोइड कुकुरबिटासीन नामक टॉक्सिन के कारण होता है. हमने अपने अनुभव और शोध में पाया कि शरीर में अधिक मात्रा में कड़वापन जाने पर इससे उल्टी, दस्त और रक्तस्राव होने लगता है.
उन्होंने कहा कि लौकी के जूस का सही रूप में सेवन किया जाये तो शरीर के लिए हर तरह से लाभकारी है. इसमें विषनाशक गुण हैं. इसका जूस मोटापा, उच्चरक्तचाप, अम्लपित्त पित्तज रोगों, हृदयरोग एवं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.