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2000 के नोटों की छपाई बंद, अब 500 के नोट छापने पर है फोकस

सरकार अब देश की अर्थव्यवस्था में 500 रुपये के नोटों की ज्यादा सप्लाई कर रही है और उसने 2000 रुपये के नोटों की छपाई पर रोक लगा दी है. रविवार को यह जानकारी आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने दी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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पिछले दिनों हुई कैश की किल्लत के बाद सरकार ने 2000 के नोटों की छपाई कम कर दी थी, लेकिन अब उसने इसे फिलहाल पूरी तरह से बंद कर दिया है. अब केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में 500 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर फोकस किया है. इसके लिए सरकार ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई फिलहाल रोक दी है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को यह जानकारी दी.

गर्ग ने यह भी बताया कि वर्तमान में 2000 रुपये के जितने नोट सर्कुलेशन में हैं, उनकी कुल वैल्यू 7 लाख करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि ये आवश्यकता से अधिक हैं. इस वजह से 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की जा रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि आम तौर पर लोग लेन-देन  के लिए अधिकतर 500, 200 और 100 रुपये के नोटों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं दूसरी तरफ 2000 के नोटों का इस्तेमाल उतना नहीं किया जाता. इसी वजह से अब सरकार छोटे नोटों की छपाई पर ज्यादा ध्यान दे रही है. 

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गर्ग ने यह भी बताया कि 2000 के नोटों की छपाई बंद होने के कारण होने वाली नोटों की कमी से निपटने के लिए सरकार ने 500 रुपये के नोटों की छपाई तेज कर दी है और सप्लाई भी बढ़ा दी है. रोजाना 500 रुपये के लगभग 3000 करोड़ रुपये की कीमत के नोट सप्लाई किए जा रहे हैं, जो मांग से कहीं ज्यादा हैं.

ATM में कैश की किल्लत पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में कैश की स्थिति बहुत बेहतर है. गर्ग ने कहा कि पिछले सप्ताह ही उन्होंने इसका जायजा लिया था और देश के लगभग 85 प्रतिशत ATM काम करते पाए गए थे.

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