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कसाब के फांसी मामले में बरती गई गोपनीयता

मुंबई 26/11 के मुख्‍य आरोपी अजमल कसाब की फांसी को लेकर सरकार ने गोपनीयता बरती. पूरी प्रक्रिया को गुप्‍त रखने के लिए इसे 'ऑपरेशन एक्‍स' नाम दिया गया.

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अजमल कसाब
अजमल कसाब

मुंबई 26/11 के मुख्‍य आरोपी अजमल कसाब की फांसी को लेकर सरकार ने गोपनीयता बरती. पूरी प्रक्रिया को गुप्‍त रखने के लिए इसे 'ऑपरेशन एक्‍स' नाम दिया गया. कसाब की फांसी के बारे में चुनिंदा लोगों को ही बताया गया था. कसाब की फांसी की प्रक्रिया गृहमंत्री, गृह सचिव और प्रधानमंत्री की जानकारी में था.

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मंगलवार को ही कसाब के परिवार को उसकी फांसी के बारे में बताया गया. लेकिन पाकिस्‍तान की ओर से कोई जवाब नहीं आया. यही नहीं पाकिस्‍तान ने कसाब के शव को भी नहीं मांगा. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि पाकिस्‍तान को कसाब की फांसी के बारे में बताया गया लेकिन उन्‍होंने चिट्ठी लेने से इंकार कर दिया. इसके बाद पाकिस्‍तान को फैक्‍स के जरिए इस बात की जानकारी दे दी गई.

गृहमंत्री आर के सिंह ने कहा पाकिस्‍तान ने शव की मांग नहीं की इसलिए उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया. 11 नवंबर को महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री ने उच्‍च अधिकारियों के साथ बैठकर फांसी की पूरी प्रक्रिया को तय कर लिया था. इस पूरी प्रक्रिया के लिए 17 सदस्‍यों की टीम गठित की गई. इस टीम का नेतृत्‍व देवेन भारती कर रहे थे.

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कसाब की फांसी का घटनाक्रम:

26 नवंबर, 2008: अजमल कसाब और नौ आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया. हमले में 166 लोग मारे गए.
27 नवंबर, 2008: अजमल कसाब गिरफ्तार
13 जनवरी, 2009: एमएल तहलियानी को 26/11 मामले में विशेष जज नियुक्त किया गया.
16 जनवरी, 2009: ऑर्थर रोड जेल को कसाब का ट्रायल के लिए चुना गया.
6 मई, 2009: कसाब पर 86 आरोप तय किए गए, कसाब का आरोपों से इनकार.
16 दिसंबर, 2009: अभियोजन पक्ष ने 26/11 मामले में जिरह पूरी की.
6 मई, 2010: कसाब को विशेष अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई.
18 अक्टूबर, 2010: बॉम्बे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू. कसाब की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी.
19 अक्टूबर, 2010: कसाब ने निजी तौर पर अदालत में हिस्सा लेने की मांग की.
29 जुलाई 2011: कसाब ने फांसी की सज़ा के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की.
10 अक्तूबर 2011: सुप्रीम कोर्ट ने कसाब की फांसी की सज़ा पर रोक लगाई.
25 अप्रैल 2012: कसाब की अपील पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा.
28 अगस्त 2012: मुंबई हमले के दोषी आमिर अजमल कसाब को फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा.
16 अक्तूबर 2012: राष्ट्रपति के सामने दया के लिए भेजी गई कसाब की अर्जी गृहमंत्रालय ने खारिज की और अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी.
5 नवंबर 2012: राष्ट्रपति ने कसाब की दया याचिका ख़ारिज की.
7 नवंबर 2012: केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने फ़ाइल पर दस्तख़त किए.
8 नवंबर 2012: कसाब को मौत की सज़ा दिए जाने की फाइल महाराष्ट्र सरकार को भेजी गई. इसी दिन महाराष्ट्र सरकार ने 21 नवंबर को मौत की सजा देने का फैसला किया.
12 नवंबर: कसाब को उसकी फांसी के बारे में बताया गया जिसे सुनकर उसने कहा कि मां को इस बारे में पाकिस्‍तान खबर दे दी जाए.
21 नवंबर 2012: कसाब को सुबह 7:30 बजे फांसी दी गई.

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