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नींद में चलकर निकल गया 160 Km दूर और फिर..., स्लीपवॉकिंग का अनोखा केस

हाल में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने एक ऐसा किस्सा शेयर किया है जो कि डराने वाला है. इसमें बताया गया है कि कैसे एक 11 साल का बच्चा नींद में चलकर पूरी तरह दूसरे शहर पहुंच गया था और वह इतनी दूर इतने कम समय में आखिर पहुंचा कैसे?

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pixabay)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pixabay)

हम सब की कभी न कभी किसी ऐसे शख्स से जरूर मुलाकात हुई है जिसे नींद में चलने की आदत हो. लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि कोई नींद में चलता हुई इतना दूर चला गया कि पूरी तरह किसी अलग जगह पर मिले? दरअसल, साल 1987 में ऐसा कुछ हुआ था और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट ने इस किस्से को साझा किया है.

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नींद में चलता हुआ दूसरे शहर पहुंचा
 
स्लीपवॉकिंग शब्द से ही पता चलता है कि यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें इंसान को नींद में चलने की आदत होती है. 6 अप्रैल 1987 को, माइकल डिक्सन नाम का एक 11 वर्षीय लड़का अमेरिका में इंडियाना के पेरू में एक रेलवे ट्रैक के पास नंगे पैर पाया गया था. उसने नाइट सूट पहना हुआ था.

160 किलोमीटर दूर निकल आया था लड़का

6 अप्रैल के सुबह तड़के एक रेलवे चालक दल के सदस्य ने लड़के को ऐसे देखा तो पुलिस को बुलाया और उन्हें बताया कि डिक्सन किस अजीब स्थिति में पाया गया था. जब पुलिस ने माइकल डिक्सन से पूछा कि वह कहाँ रहता है, तो यह साफ हो गया कि वह पेरू से नहीं था. वह इंडियाना के ही डेनविले से था. ये जगह पेरू से 160 किलोमीटर से अधिक दूर थी.

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मां को लगा घर में सो रहा है

नींद में चलने की घटना की रात माइकल को आखिरी बार बिस्तर पर लेटे हुए देखा गया था. जहां तक ​​उसकी मां को पता था, वह घर पर सुरक्षित सो रहा था . अचानक उसे इंडियाना की पुलिस से फोन करके बताया कि उनका बेटा अजीब स्थितियों में मिला है.

नींद में दूसरे शहर तक कैसे गया?

डिक्सन सोकर इतनी लंबी दूरी कैसे तय कर पाया? जाहिर तौर पर वह नींद में चलते हुए अपने घर के पास के स्टेशन से एक मालगाड़ी में चढ़ा. चूँकि डेनविले में उसका घर रेलवे के पास था, इसलिए वह नींद में ट्रेन में चढ़ा और बहुत दूर निकल गया. बाद में उसने मियामी काउंटी कल्याण विभाग के एक केसवर्कर को बताया कि उन्हें ट्रेन में चढ़ने जैसा कुछ भी याद नहीं है. उसके पैरों में घाव थे और वे बहुत गंदे थे. इसके अलावा उसे कोई नुकसान नहीं हुआ था.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ मामला

ये मामला मीडिया में आने पर काफी चर्चित हुआ था. माइकल डिक्सन की इस स्लीपवाकिंग को दो साल बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया. बॉल स्टेट डेली न्यूज़ में प्रकाशित एक लेख में, माइकल की माँ ने कहा कि यह पहली बार नहीं था जब वह नींद में चला था. "उसे बार- बार एक बुरा सपना आ रहा था और वह नींद में चलने लगा. वह नींद में हमेशा चलता है, लेकिन वह पहले कभी बाहर नहीं गया था." 

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'नींद से उठकर सोच रहा था डेनविल में ही है'

पुलिस प्रमुख बिल पेज ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि माइकल कथित तौर पर एक मालगाड़ी पर चढ़ा और पेरू में घायल हो गया. उन्होंने कहा, "जब वह उठा तो उसे लग रहा था कि वह अभी भी डेनविल में है." आधिकारिक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स साइट पर घटना के बारे में एक आर्टिकल में, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रधान संपादक क्रेग ग्लेनडे ने कहा कि उन्होंने नींद न आना, खर्राटे लेना, सपने देखना और नींद से संबंधित अन्य स्थितियों के लिए कई नए रिकॉर्ड दर्ज किए हैं, लेकिन ऐसा कुछ दोबारा कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा, "नींद से संबंधित रिकॉर्ड आकर्षक हैं क्योंकि सोना एक ऐसी चीज़ है जो हम सभी करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "कौन जानता है, आप आज रात बिस्तर पर सोएं और सुबह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाले के रूप में उठें."

 

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