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गुजरात के इस गांव में रहते हैं 70 'करोड़पति' कुत्ते

गुजरात के मेहसाणा जिले के पंचोत गांव में एक ट्रस्ट की देखरेख में 70 कुत्ते रहते हैं और सभी करोड़पति हैं.

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करोड़पति कुत्ते
करोड़पति कुत्ते

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भाई क्या कहने! अब तो हमारे देश में कुत्ते भी करोड़पति होने लगे हैं. चौंकिए नहीं, यह सच है. गुजरात के मेहसाणा जिले के पंचोत गांव में एक ट्रस्ट की देखरेख में 70 कुत्ते रहते हैं और सभी करोड़पति हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, गांव में कुत्तों के कल्याण के लिए एक संस्था 'मध नी पती कुतरिया' बनाई गई है. इस संस्था के पास 21 बीघा जमीन है. मेहसाणा बाईपास के बनने की वजह से यहां जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. जमीन का रेट 3.5 करोड़ रुपये प्रति बीघा पहुंच गया है. इस तरह संस्था की 21 बीघा जमीन की कीमत 70 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इस जमीन से होने वाले पूरी आय कुत्तों के लिए ही है. इस तरह संस्था की देखरेख में रहने वाला प्रत्येक कुत्ता करीब एक करोड़ रुपये का मालिक है.

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कुत्तों के कल्याण के लिए जमीन दान देने की यह परंपरा 'कुतारियु' कहलाती है. ट्रस्ट के अध्यक्ष छगनभाई पटेल ने कहा कि गांव में जीवदया का लंबा इतिहास है. इसकी शुरुआत अमीर परिवारों द्वारा ऐसे जमीन के दान से हुई, जिनकी देखरेख वे नहीं कर पाते थे. पटेल ने कहा कि पहले जमीन इतने महंगे नहीं थे, लेकिन हाल में बाईपास के निर्माण शुरू होने के बाद यहां जमीन की कीमतें काफी बढ़ गईं.

कुत्तों के लिए दान में मिली इस जमीन की करीब 80 साल पहले कुछ पटेल किसानों ने देखभाल शुरू की थी. हर साल बुवाई के सीजन से पहले जमीन की नीलामी की जाती है और जो सबसे ज्यादा रकम देने को तैयार होता है, उसे एक साल तक इस जमीन पर खेती करने का अधिकार मिल जाता है. इससे होने वाली कमाई से कुत्तों की देखभाल की जाती है. ट्रस्ट ने कुत्तों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए एक 'रोतला घर' बनाया है, जहां दो महिलाओं द्वारा कुत्तों के खाने के लिए रोतला तैयार किए जाते हैं. हर दिन इसके लिए 20 से 30 किलो आटे की खपत होती है.

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